Health Tips: ये हो सकते हैं हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण, इन्हें भूल कर भी न करें इग्नोर
दिल के दौरे में अगर समय रहते डॉक्टरी इलाज न मिले तो इसमें जान जानें का भी खतरा हो सकता है। यहां हम आपको दिल के दौरे के शुरुआती लक्षणों से अवगत कराएंगे ताकि आप इन्हें समय रहते पहचान सके और अपनी जान बचा सकें।

Health Tips: हार्ट अटैक (Heart Attack) या दिल का दौरा ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) और दिल (Heart) के काम में उत्पन्न हुई बाधा के कारण होता है। यदि दिल में पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त खून प्रवाहित नहीं होता है, तो यह प्रभावित क्षेत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। हार्ट को ठीक से काम करने के लिए ऑक्सीजन (Oxygen) की जरूरत होती है और अगर ये आपके दिल तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाता है, तो ये आपको गंभीर समस्याओं में डाल सकता है।
दिल के दौरे में अगर समय रहते डॉक्टरी इलाज न मिले तो इसमें जान जानें का भी खतरा हो सकता है। यहां हम आपको दिल के दौरे के शुरुआती लक्षणों से अवगत कराएंगे ताकि आप इन्हें समय रहते पहचान सके और अपनी जान बचा सकें।
- अगर आपको अपनी छाती या बाहों में दबाव, जकड़न, दर्द, या निचोड़ने या दर्द महसूस होता है जो आपकी गर्दन, जबड़े या पीठ तक फैलने लगता है, तो ये दिल के दौरे का एक लक्षण हो सकता है।
- इसके कॉमन लक्षणों के अलावा मतली, अपच, जलन या पेट में दर्द भी दिल के दौरे के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।
- सांस लेने में तकलीफ, ठंडा पसीना, थकान, चक्कर आना या आंखों के आगे अंधेरा छा जाना दिल के दौरे का संकेत हो सकता है।
- जिन लोगों को हाई शुगर लेवल या डायबिटीज है, उन्हें परिधीय न्यूरोपैथी के कारण गंभीर रुकावटों के साथ भी सीने में दर्द नहीं होता है।
- जहां कई केस में दिल के दौरे के लक्षण अचानक विकसित हो सकते हैं। वहीं कुछ केस में ये समय के साथ धीरे-धीरे विकसित भी हो सकते हैं।
कहा जाता है कि महिलाओं और पुुरुषों में दिल के दौरे के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। स्टडी में पाया गया कि पुरुषों और महिलाओं दोनों में सीने में दर्द सबसे आम लक्षण था। महिलाओं ने बताया कि उन्हें दिल के दौरे के समय सीने में दर्द के साथ, निचोड़ने और दबाव को महसूस किया। जबकि पुरुषो ने इस दौरान छाती पर भारी वजन की शिकायत की। एस्ट्रोजन का हाई लेवल दिल के दौरे के जोखिम को कम कर सकता है। नतीजतन, मेनोपॉज से पहले की तुलना में इसके बाद महिलाओं को दिल का दौरा पड़ने का अधिक खतरा होता है। इसलिए पुरुषों और महिलाओं दोनों को ही इसके प्रति सतर्क रहने की अधिक आवश्यकता है।