यजमान के घर हलवा पूरी खाने वाले पंडितजी बरतें सावधानी, हर्ट अटैक का खतरा
इन पुरोहितों की भोजन हिस्ट्री देखी गई, जिसमें पाया गया कि वे सेचुरेटेड वसा का अधिक सेवन करते हैं।

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haribhoomi.comCreated On: 21 May 2014 12:00 AM GMT
जबलपुर. हवन पूजन के बाद पंडितों को हलवा पूरी परोसना सदियों से नहीं बल्कि युगों से चली आ रही परंपरा है। इस अवसर पर हलवा पूरी के अलावा घी तेल से तर व्यंजन भी भरपेट खिलाए जाते हैं। माना जाता है कि मेवा मिष्ठान्न सहित तरह तरह के व्यंजन परोसे जाने से ब्राहा्रण खुश होता है और यजमान को भरपूर पुण्य लाभ होता है, लेकिन आधुनिक जीवन शैली के इस युग में पंडितों का यह सत्कार उन्हें दिल का रोगी बनाकर धीरे-धीरे मौत के मुंह में ढकेल रहा है।
शहर के प्रसिद्व रोग विशेषज्ञ डॉ. आरएस शर्मा द्वारा किए गए शोध में यह खुलासा हुआ है। डॉ. शर्मा द्वारा किए गए इस शोध के आंकड़े जजमानों की इस आस्था को पुरोहितों के लिए खतरनाक बता रहें हैं, जिनमें 80 प्रतिशत पुरोहित हृदय रोग एवं अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित निकले हैं। इन ब्राहा्रणों भोजन हिस्ट्री, शारीरिक जांच के अलावा, शुगर, कोलेस्ट्रॉल, ईसीजी, टीएमटीई, को-कॉर्डियोग्राफी आदि जांचे कराई गर्इं।
डॉ. शर्मा ने 30 वर्ष से 60 वर्ष उम्र के पुरोहिती कार्य करने वाले 25 ब्राहा्रणों का वैज्ञानिक तरीके से स्वास्थ्य परीक्षण किया। इस परीक्षण में बेहद चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं, जिनमें 20 ब्राह्मणों में गंभीर मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, असामान्य टीएमटी,अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल और साइलेंट हार्ट अटैक के प्रमाण मिले।
इन पुरोहितों की भोजन हिस्ट्री देखी गई, जिसमें पाया गया कि वे सेचुरेटेड वसा का अधिक सेवन करते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। खास बात तो ये है कि जिन पुरोहितों की यह जांच की गई उनमें से 50 फीसदी को यह पता ही नहीं था कि गंभीर रोगों की चपेट में आकर वे धीरे धीरे मौत की ओर बढ़ रहें हैं।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, डायविटीज और हर्ट अटैक जैसे खतरों की प्रबल आशंका-
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