सर्दियों में लाभकारी मेथी का सेवन
सर्दी के मौसम में हरी सब्जियों की तो जैसे बहार आ जाती है। मौसम के अनुरूप उगने वाली ये हरी पत्तेदार सब्जियां हमारी सेहत के लिए लाभकारी होती हैं। सर्दी के मौसम में हमारे शरीर के तापमान को संतुलित रखने के लिए जरूरी तत्वों से युक्त ये सब्जियां बहुत मददगार होती हैं।

सर्दी के मौसम में हरी सब्जियों की तो जैसे बहार आ जाती है। मौसम के अनुरूप उगने वाली ये हरी पत्तेदार सब्जियां हमारी सेहत के लिए लाभकारी होती हैं। सर्दी के मौसम में हमारे शरीर के तापमान को संतुलित रखने के लिए जरूरी तत्वों से युक्त ये सब्जियां बहुत मददगार होती हैं। इन पत्तेदार सब्जियों में मेथी या फेनुग्रीक को बहुत स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। मेथी से अनेक तरह के व्यंजन भी बनाए जा सकते हैं। चाहे मेथी आलू की सब्जी हो, मेथी का रायता, मेथी की पूरी, मेथी पनीर की सब्जी या मेथी का परांठा, स्वादिष्ट होने के साथ इन सभी का सेवन सेहत के लिए बहुत अच्छा है।
पोषक तत्वों से भरपूर: एक किलो हरी मेथी की पत्तियों में लगभग 48 से लेकर 50 ग्राम तक प्रोटीन, 88 से 90 मिलीग्राम तक आयरन और लगभग 900 मिलीग्राम विटामिन सी होता है। अब आप खुद ही समझ सकते हैं कि इसमें पाए जाने वाले तत्व हमारी सेहत के लिए कितने फायदेमंद हैं। प्रचुर मात्रा में उपस्थित आयरन की वजह से ही इसके सेवन की सलाह एनीमिक अर्थात खून की कमी से ग्रसित लोगों को दी जाती है। इनके अलावा मेथी में विटामिन ए, बी-2, तांबा और मैग्नीशियम भी अच्छी खासी मात्रा में होते हैं। प्रेगनेंट महिलाओं के लिए तो मेथी वरदान है और रक्त की अतिरिक्त जरूरत को पूरा करती है।
हृदय रोगियों के लिए लाभकारी: हृदय रोग से पीड़ित अधिकांश लोगों को जाड़े के मौसम में घर से बाहर ना निकालने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस मौसम में ब्लड कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है, जो ठंड की वजह से धमनियों में जमने के कारण हार्ट अटैक की संभावना को बढ़ा देता है। मेथी के प्रयोग से रक्त का लिपिड स्तर नियंत्रित रखा जा सकता है, जो हमारे दिल को स्वस्थ रखने में सहायक है।
अन्य लाभ: हमारे देश की एक बड़ी आबादी डायबिटीज से ग्रस्त है। ब्लड में शुगर लेवल नियंत्रित करने में हरी मेथी और मेथी के बीज बेहद कारगर हैं। साथ ही हैवी बॉडी वेट को कम करने में भी मेथी का उपयोग लाभकारी है। आयुर्वेद के अनुसार मेथी, पाचन शक्ति को सुचारु रखते हुए शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है। इससे हमारा शारीरिक तापमान जाड़े के मौसम में भी नियंत्रित रह पाता है।