जानें स्ट्रेटनिंग और केराटिन ट्रीटमेंट में क्या है फर्क, क्या है बालों के लिए बेस्ट
आजकल ज्यादातर महिलाएं स्ट्रेटनिंग और केराटिन जैसे ट्रीटमेंट लेती हैं। वहीं लड़कियां स्ट्रेटनिंग और केराटिन को लेकर भी काफी कंफ्यूज रहती हैं कि वे अपने बालों में कौन सा ट्रीटमेंट करवाएं। ऐसे में आपकी मदद के लिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि स्ट्रेटनिंग और केराटिन में क्या अंतर होता है।

ग्लोइंग स्किन के साथ साथ हर लड़की की ख्वाहिश होती है कि उनके बाल भी सिल्की और शाइनी रहे। जिसके लिए आजकल ज्यादातर महिलाएं स्ट्रेटनिंग और केराटिन जैसे ट्रीटमेंट लेती हैं। वहीं लड़कियां स्ट्रेटनिंग और केराटिन को लेकर भी काफी कंफ्यूज रहती हैं कि वे अपने बालों में कौन सा ट्रीटमेंट करवाएं। ऐसे में आपकी मदद के लिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि स्ट्रेटनिंग और केराटिन में क्या अंतर होता है। तो आइए जानत हैं इन दोनों के फर्क के बारे में।
केराटिन ट्रीटमेंट क्या होता है
प्रदूषण के चलते खराब हुए बाल, डैंड्रफ, रफ बालों की समस्या से निजात पाने के लिए केराटीन ट्रीटमेंट किया जाता है। इसके साथ ही बढ़ती उम्र में बालों से प्रोटीन लॉस होने लगता है। जिस कारण बाल फ्रीजी होने लगते हैं। ऐसे में कैराटीन इस समस्या से निजात दिलाता है और बालों को शाइनी बनाता है।
कैसे होता है ये ट्रीटमेंट
इसमें बालों पर प्रोटीन की लेयर चढ़ाई जाती है। जिसे प्रेसिंग के जरिए लॉक कर दिया जाता है। इस प्रोसेस में 180 डिग्री तापमान पर बालों की प्रेसिंग की जाती है और 24 घंटे बाद बालों को पानी से साफ कर दिया जाता है। इसके बाद बालों को धोने के लिए केवन केराटिन युक्त शैम्पू का ही इस्तेमाल किया जाता है।
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स्ट्रेटनिंग से अलग होता है केराटिन ट्रीटमेंट
- केराटिन और स्ट्रेटिनिंग में काफी फर्क होता है। केराटिन ट्रीटमेंट से फ्रीजनीस को खत्म करता है तो वहीं स्ट्रेटनिंग से कर्ली या वेवी बाल सीधे होते हैं।
- केराटिन में माइल्ड प्रोडक्ट्स का यूज किया जाता है और स्ट्रेटनिंग में हार्ड कैमिकल्स का इस्तेमाल होता है।
- केराटिन ट्रीटमेंट का असर 4-5 महीने तक रहता है और स्ट्रेटनिंग का असर बालों नए बाल के न आने तक रहता है।