फेसबुक यूजर्स हो जाएं सावधान, हो सकते हैं डिप्रेशन के शिकार
तीन चरणों के अध्ययन के पहले चरण में 123 फेसबुक प्रयोग करन वाले जर्मन लोगों पर अध्ययन किया।

लंदन. एक अध्ययन में पाया गया है कि अगर कोई व्यक्ति अपना ज्यादातर समय सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे फेसबुक पर गुजारता है, तो वो डिपरेशन का शिकार हो सकता है। लोग अधिकतर अनुभव करते हैं कि वो ज्यादातर अपना समय फेसबुक पर बेकार की गतिविधियों में बेकार कर देते हैं। लेकिन तब भी वो स्क्रीन से अपनी आंख नही हटाते हैं। ऐसा करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि सोशल नेटवर्किंग साइट आपके आपनो को आपसे संपर्क रखने में मदद करती है। इसका परिणाम यह होता है कि सोशल साइट्स आपके लिए मनोवैज्ञानिक आवश्यकता हो जाती है।
आस्ट्रेलिया के मनोवैज्ञानिक क्रिस्टिना सैगिगोलागू और तोविश ग्रीटमेयर के मुताबिक ज्यादा सोशल साइट्स प्रयोग करने वालों के बीच फेसबुक और निराशा के बीच संबंध बन जाता है। तीन चरणों के अध्ययन के पहले चरण में 123 फेसबुक प्रयोग करन वाले जर्मन लोगों पर अध्ययन किया। जिसमें पाया गया कि जब लोग अपने को अकेला महसूस करते हैं तो वो सोशल साइट्स के आदी हो जाते हैं। अध्ययन के दूसरे चरण में 263 में अमेरिकन मैकेनिकल प्रोग्राम के लोगों पर अध्ययन किया गया। यहां भी दोबारा अकेलापन ही कारण बना।
अध्ययन के आखिरी चरण में 101 एक्टिव फेसबुक यूजर्स पर अध्ययन किया गया और उनसे बात की गई और उनसे पूछा गया कि अगर आप फेसबुक को लॉग इन करते हैं तो आप खुशी महसूस करते हैं या निराशा महसूस करते हैं तो ज्यादातर प्रतिभागियों ने बताया कि जब वे लॉग ऑफ करते हैं तो अच्छा महसूस नही करते हैं।
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