इन जादुई दरवाजों से खुलेंगे शरीर में बीमारी के राज, चेहरे से ही पता चल जाता है रोग
ढाई हजार साल पहले चीन में खोजी गई पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में से एक है फेस रिफ्लेक्सोलॉजी।

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haribhoomi.comCreated On: 6 March 2014 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. करीब ढाई हजार साल पहले चीन में खोजी गई पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में से एक है चेहरा देखकर रोग की पहचान और इलाज करने की पद्धति। आधुनिक विज्ञान में इसे 'फेस रिफ्लेक्सोलॉजी' कहा जाता है। चीनी विशेषज्ञों के अनुसार शरीर में यिन और यॉन्ग नामक दो ऊर्जाएं होती हैं और कुछ विशेष बिंदुओं के माध्यम से इन पर नियंत्रण रखा जा सकता है।
चीनी सम्राट हुआंग जिंग ने इन बिंदुओं को शरीर के 'जादुई दरवाजों' का नाम दिया था। शरीर में ऎसी खास 14 मेरीडियन(लंबी) रेखाएं होती हैं जिनमें जीवन ऊर्जा 'ची' लगातार बहती है। ये सभी मेरीडियन और 365 एक्यूपंक्चर पॉइंट आपस में मिलकर एक घेरा बनाते हैं जो शरीर के आवश्यक अंगों-ह्वदय, फेफड़ों, लीवर और किडनी को आपस में जोड़ते हैं। इन सभी अंगों की जादुई खिड़कियां चेहरे पर 14 विशेष जोन के माध्यम से खुलती हैं।
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