बाजार में बिक रहा है ई-सिगरेट के नाम पर कैंसर
ई-सिगरेट के कारण मानव की कोशिकाओं में घातक बदलाव आने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

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haribhoomi.comCreated On: 2 Jan 2016 12:00 AM GMT
न्यूयॉर्क. सिगरेट की लत को छुड़वाने के लिए बाजार में ई-सिगरेट अभी ढंग से पहुंची भी नहीं थी कि एक रिसर्च में पता चला कि इसके प्रयोग से कैंसर का खतरा और अधिक बढ़ सकता है। आपको बता दें कि लैब में किए गए एक टेस्ट में शोधकर्ताओं ने पाया कि ई-सिगरेट के कारण मानव की कोशिकाओं में घातक बदलाव आने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिका के सैन डिएगो में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में पैथोलॉजी के प्रोफेसर और प्रमुख शोधकर्ता जेसिका वांग-रोडरिक्वेज ने कहा, " मेरा मानना है कि आज तक के सबूतों के आधार पर ई-सिगरेट पारंपरिक सिगरेट का बेहतर विकल्प नहीं हो सकता है।"
शोधकर्ताओं ने बताया कि लोगों के बीच जिस तरह ई-सिगरेट का प्रचार किया जा रहा है, यह वैसा नहीं है। यह बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है।" इस दौरान शोधकर्ताओं ने ई-सिगरेट के दो मशहूर ब्रांडों के धुएं का प्रयोगशाला में मानव कोशिकाओं से संपर्क कराया। धुएं के संपर्क में न आने वाली कोशिकाओं की तुलना में धुएं के संपर्क में आनेवाली कोशिकाओं के डीएनए में क्षति पाई गई, जबकि कुछ कोशिकाएं मृत हो गईं।
वैज्ञानिकों ने निकोटिन युक्त और निकोटिन मुक्त ई-सिगरेट का परीक्षण किया। निकोटिन युक्त ई-सिगरेट लोगों को इसका आदी बना देती है। इनके द्वारा कोशिकाओं को हानि पहुंचाने की बात भी सामने आयी। शोध टीम ने पाया कि निकोटिन युक्त ई-सिगरेट काफी क्षति करते हैं, जबकि निकोटिन मुक्त सिगरेट का धुआं कोशिकाओं में भयानक बदलाव के रूप में काम करता है।
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