क्या आप जानती हैं हेयर स्ट्रेटनिंग, स्मूदनिंग और रिबॉन्डिंग में फर्क
अधिकांश ऐसी लड़कियां हैं जिन्हें स्ट्रेटनिंग, स्मूदनिंग और रिबॉन्डिंग में फर्क नहीं पता।

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haribhoomi.comCreated On: 18 Jan 2017 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. आज की बिजी शेड्यूल में बालों की देखभाल करना काफी मुश्किल हो जाता है। इसलिए आजकल अधिकांश लड़कियां बालों की खूबसूरती बरकरार रखने के लिए हेयर स्मूदनिंग, रिबॉन्डिंग या स्ट्रेटनिंग की मदद ले रही हैं। लेकिन अगर आपसे इन तीनों में फर्क पूछा जाए तो क्या आप बता पाएंगी। तो चलिए आपकी जानकारी को थोड़ा सा बढ़ाते हैं और बताते हैं कि हेयर स्ट्रेटनिंग, स्मूदनिंग और रिबॉन्डिंग में फर्क क्या है...
हेयर स्मूदनिंग
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हेयर स्मूदनिंग उन लड़कियों के लिए परफेक्ट हैं जिनके बाल थोड़े स्ट्रेट या वेवी होते हैं। अगर आप हेयर स्मूदनिंग कराती हैं तो इसका असर 2 से 4 महीने तक रहेगा। अगर आपके बाल बहुत मोटे और कर्ली हैं तो ये ट्रीटमेंट आपके लिए नही हैं।
हेयर रिबॉन्डिंग
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हेयर रिबॉन्डिंग उन लड़कियों के लिए बेस्ट हैं जिनके बाल बहुत अधिक मोटे और कर्ली हो। बता दें कि इस हेयर ट्रीटमेंट को हमेशा किसी एक्सपर्ट से ही कराएं। लेकिन हेयर रिबॉन्डिंग कराते वक्त ध्यान दें कि इससे बाल कमजोर हो जाते हैं।
हेयर स्ट्रेटनिंग
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अगर आपके बाल अधिक घुंघरालें हैं और आप अब तक रिबॉन्डिंग कराते आ रही हैं तो जान लें कि आप रिबॉन्डिंग की जगह हेयर स्ट्रेटनिंग भी चुन सकती हैं। हेयर स्ट्रेटनिंग और रिबॉन्डिंग में फर्क ये है कि स्ट्रेटनिंग की तुलना में रिबॉन्डिंग ज्यादा लंबे समय तक इफेक्टिव रहता है और ये थोड़ा महंगा भी होता है। दरअसल, रिबॉन्डिंग के लिए स्ट्रॉंग केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। अगर हम बात करें स्मूदनिंग और स्ट्रेटनिंग की तो दोनों में फर्क ये है कि स्मूदनिंग आपके बालों को नैचुरल लुक देता है।
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