इसलिए जानलेवा हुआ चिकनगुनियाः स्टडी
माइक्रोबायोलॉजिस्ट का मानना है कि चिकनगुनिया में मौत की वजह वायरस के स्ट्रेन में बदलाव हो सकता है।

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haribhoomi.comCreated On: 16 Sep 2016 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर में डेंगू और चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है, इसके साथ इसकी चपेट में आने वाले पीड़ितों की संख्या भी बढ़ रही है। इस खतरनाक बीमारी को देखते हुए कुछ डॉक्टर्स और माइक्रोबायोलॉजिस्ट का मानना है कि इस चिकनगुनिया में मौत की वजह वायरस के स्ट्रेन में बदलाव हो सकता है।
डेंगू और चिकनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारी मच्छरों के काटने से वायरस फैलने की वजह से होती है, एम्स के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट और नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल द्वारा इस भयावह बीमारी के रूप को देखते हुए वायरस के म्यूटेशन पर जांच शुरू कर दिया गया है।
नेशनल वेक्टर बोर्न डिसीज कंट्रोल प्रोग्राम के डायरेक्टर डॉक्टर एएस धीरवाल का कहना है कि इस वायरस से संबंधित कुछ भी जानकारी नहीं दी जा सकती है जब तक साइंटिफिकली कुछ कहा ना जा सके। लेकिन चिकनगुनिया के इस तरह के व्यवहार को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि जरूर इस वायरस के स्ट्रेन में बदलाव हुआ है तभी मौतें हो रही है। ऐसा पहली बार हुआ है कि इससे अब तक करीब 12 लोगों की मौत हो चुकी है, इसलिए इस बात को गंभीरता से लेते हुए इस वायरस पर स्टडी की जा रही है।
डॉक्टर धीरवाल ने बातचीत पर आगे बताया कि अब तक जितने भी मरीजों की मौत हुई हैं उनमें से ज्यादा लोगों को चिकनगुनिया के अलावा दूसरी बीमारी भी थी। उनका कहना है कि जितने लोगों को सिर्फ चिकनगुनिया की बीमारी थी वे मरीज इलाज के बाद ठीक होते नजर आ रहे हैं। इसके अलावा उन्होने सभी डॉक्टरों को सावधानी से इलाज करने के लिए कहा है जिससे चिकनगुनिया के चेकअप की होड़ में दूसरी बीमारी छूट ना जाए।
चिकनगुनिया की बढ़ती तादाद को देखते हुए गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर एस वॉट्स ने बताया कि जब चिकनगुनिया की जांच आइजीएम टेस्ट की मदद से की गई तो चिकनगुनिया वायरस का पता नहीं चला था, उसके बाद पीसाआर जांच शुरू की गई जिसके बाद इस वायरस का पता चला उनका कहना है कि यह टेस्ट जरूर महंगा है लेकिन इसके इस्तेमाल से वायरस का पता लगाना आसान है।
वहीं मेडिसिन के डॉक्टर अतुल गोगिया ने मीडिया से बातचीत पर बताया कि चिकनगुनिया से मौत नहीं होती है लेकिन हाल ही में जो स्टडी की जा रही है उसमें मौत की बात कही गई है। डॉक्टर्स का कहना है कि वायरस के स्ट्रेन का जल्द से जल्द पता चल जाएगा।
साभार- नवभारत टाइम्स
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