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चिकनगुनिया के मरीज होंगे ''गठिया'' के शिकार, ये है एकमात्र बचाव
चिकनगुनिया के करीब 20 से 40 फीसदी मरीजों में भविष्य में गठिया का खतरा है।

haribhoomi.com12 Oct 2016 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. चिकनगुनिया के बढ़ते मरीजों की वजह से देश में आर्थराइटिस मरीजों की संख्या बढ़ना तय है। चिकनगुनिया के करीब 20 से 40 फीसदी मरीजों में भविष्य में गठिया का खतरा है। वैसे मरीज जिन्हें चिकनुगुनिया की वजह से शरीर में करीब एक माह तक दर्द रहा हो उनमें बीमारी का खतरा ज्यादा है। इस वर्ष अब तक देश में अधिकारिक तौर पर चिकनगुनिया के लकगभग 26 हजार मरीज पंजीकृत हुए हैं।
एम्स की रिमोटयॉड आर्थराइटिस विभाग की प्रमुख डॉ. उमा कुमार ने बताया कि चिकनगुनिया में जोड़ों में तेज दर्द होता है और लंबे समय तक रहता है। ऐसे मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिसके वजह से आने वाले समय में ऐसे मरीजों में गठिया होने की संभावना बढ़ जाती है।
अलग अलग सर्वे के अनुसार देश की करीब आठ से 18 फीसदी आबादी गठिया से पीड़ित है। डॉ. कुमार ने बताया कि शूरूआती दौर में ही खून में रिमोटयॉड फैक्टर और एंटी सिटूलिनेट प्रोटीन एंटी बॉडीटेस्ट से बीमारी का पता लगाया जा सकता है।
ये हैं लक्षण
-जोड़ों में सूजन और दर्द
-लंबे समय तक बुखार रहना
-मुंह और आंख में सूखापन
-थूक अथवा कफ के साथ खून व अन्य।
कारण
-धूम्रपान
-मोटापा
-दांतो में संक्रमण
-प्रदूषित हवा में रहना
-कंप्यूटर में अधिक समय तक ठीक से न बैठे रहना
-विटामिन डी की कमी और शारीरिक काम कम करना।
ऐसे करें बचाव
-पोष्टिक आहार का सेवन,नियमित योग
-सर्य की रोशनी में रहना
-ज्यादा चीनी और नमक परहेज करना
-मोटापा पर नियंत्रण रखन से बहुत हद तक बीमारी से बचा जा सकता है।
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