बाजीराव पेशवा का ''आइना महल'' था विज्ञान और कला का अद्भूत नमूना
गुजरात के भुज में हमीरसार झील के किनारे पर बना है महल

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haribhoomi.comCreated On: 8 Jan 2016 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. फिल्म बाजीराव मस्तानी में दिखाए गए 'आइना महल' की दांस्ता इतिहास के पन्नों में कहीं दफ्न होकर रह गई है। दर्शकों ने फिल्म को तो काफी सराहा लेकिन इस फिल्म से इतिहास को जानने में दिलचस्पी नहीं ली। हरिभूमि डॉटकॉम आइना महल से जुड़ी उन तमाम रोचक जानकारियों से अपने पाठकों को रू-बरू कराने जा रहा है, जिनसे अभी तक आप थे अंजान।
आइना महल एक अदभुत इमारत
गुजरात के भुज में हमीरसार झील के उत्तर पूर्वी कोने पर स्थित 'आइना महल' बेहद अद्भुत इमारत है। इसे 'दर्पण के हॉल' के नाम से भी जाना जाता है।
राम सिंह मलम नामक एक कलाकार ने बनाया
यह महल 18 वीं शताब्दी में बनाया गया था। भारत और यूरोपीय शैली से मिश्रित यह महल बेहद आकर्षक दिखाई पड़ता है। इस महल के डिजाइन से लेकर खूबसूरत कलाकृति और चित्रों को राम सिंह मलम नामक एक कलाकार ने बनाया था।
भूंकप ने किया तबाह
साल 2001 में आए भूकंप के दौरान महल लगभग पूरा नष्ट हो गया था। हालांकि इसका काफी भाग अभी भी खड़ा हुआ है उसी के एक हिस्से को संरक्षित किया गया और एक संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है। यह महल साल के 365 दिन जनता के लिए खुला रहता है।
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महल में लगा था अत्याधुनिक प्रोजेक्टर
इस महल की सबसे खास विशेषता यूं तो दर्शक फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' में देख चुके हैं लेकिन फिर भी हम बताना चाहेंगे कि फिल्म में दर्शाया गया वह सीन जिसमें एक प्रोजेक्टर की मदद से बाजीराव (रणवीर सिंह) को उनकी रानी काशी (प्रियंका चोपड़ा) अपने कक्ष में देख पाती हैं, जो वास्तविक घटना पर आधारित है।
दरअसल, आइना महल में ठीक ऐसा ही एक प्रोजेक्टर रानी के कमरे में लगवाया गया था ताकि दरबार से वह राजा को निहार सके और दरबार की कार्यवाही पर नज़र रख सके। उस दौर में विज्ञान और कला का यह अद्भूत जोड़ 'आइना महल' में चार चांद लगाता था।
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