दूध के दांत बचा सकते हैं आपके बच्चे की जान
कहा जाता है जब बच्चे के दांत टूटते हैं तो तकिए के नीचे रखना अच्छा रहता है।

बचपन में बच्चे के दूध के दांत टूटना सामान्य माना जाता है। लेकिन आपने इसके पीछे कई मुंहजुबानी या किताबों की कहानियां जरूर सुनी होंगी।
कहा जाता है जब बच्चे के दांत टूटते हैं तो उसे मिट्टी के नीचे दबाना या तकिए के नीचे रखना अच्छा रहता है।
हालांकि इस पीछे का वैज्ञानिक कारण कुछ और कहता है। तो आइए जानते हैं इसके पीछे की असल वजह...
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डॉक्टर का कहना है कि हमें बच्चे के दूध के टूटे दांतों को फेंकने नहीं चाहिए, क्योंकि ये छोटे दांत बहुत कीमती और शक्तिशाली होते हैं।
उन्हें फेंकने की बजाए आप उन्हें भविष्य में इस्तेमाल के लिए सुरक्षित रख सकते हैं।
स्टेम सेल थेरेपी में मरीज के शरीर के खराब टिशू में नई कोशिकाएं स्थापित की जाती हैं। छोटे दांतों में मूल कोशिकाएं (स्टेम सेल) होती हैं।
जानिए कैसे
अगर आपके बच्चे को ल्यूकेमिया (खून का कैंसर) या हॉजकिंस (मोटापे और लंबाई से कैंसर) जैसी गंभीर बीमारी होती है तो ये बचपन में टूटे दूध के दांत आपके बच्चे की जान बचा सकते हैं।
खून सम्बंधी बीमारियों जैसे रक्त कैंसर में इनका इस्तेमाल किया जा सकता है। पांच से 12 साल उम्र के बच्चों के दूध के दांतों से स्टेम कोशिकाएं आसानी से निकाली जा सकती हैं।
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स्टेम सेल उनकी जिंदगी को एक और मौका देने में सहायक होते हैं। बच्चे के दूध के दांत वास्तव में गंभीर रोगों को खत्म करने में मदद करते हैं।
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