सिगरेट जितनी ही खतरनाक हुई अगरबत्ती, सोचिए अब क्या सुलगाएंगे आप
चीन के शोधकर्ताओं ने धूप या अगरबत्ती को स्वास्थय के लिए खतरनाक बताया है।

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haribhoomi.comCreated On: 28 Aug 2015 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. चीन में एक शोध किया गया जिसमें एक बड़ा खुलासा हुआ कि मंदिर, मठ या गिरजाघरों या घरों में जलने वाली अगरबत्ती हमारे स्वास्थय के लिए कितनी खतरना है। कई धर्मों में धूप और अगरबत्तियों को इस्तेमाल किया जाता है। पूजा पाठ हो या प्रार्थना करने का समय हो। पूजा करना हमारे जीवन का एक हिस्सा है। हिंदू पूजा बिना अगरबत्ती के पूरी नहीं होती है। लेकिन दो बार सोचना होगा की अगरबत्ती के धूए के बारे में। आपको चंदन का एहसास इससे कही ज्यादा हो सकता है। चीन के एक शोध के अनुसार, जलने वाली अगरबत्ती या धूप के धूए से कैंसर होने का खतर है। लेकिन हम आध्यातमिक तौर पर इस धुए को शुद्ध समझते हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि अगरबत्ती का धुआं सिगरेट के धुएं की तरह है। अगरबत्ती का धुआं कोशिकाओं में जेनेटिक म्यूटेशन करता है। इससे कोशिकाओं के डीएनए में बदलाव होता है, जिससे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। दक्षिण चीन प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने धूप पर दो तरह के परीक्षण किये जो चूहों पर किया गया। शोध के नतीजों के आधार पर फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए यह अच्छा होगा कि वह धूप के धुंए से बचें। अगरबत्ती और धूपबत्ती को फेफड़ों के कैंसर, ब्रेन ट्यूमर और बच्चों के ल्यूकेमिया के विकास केसाथ जोड़ा जा रहा है।
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अध्ययन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि धूप के धुएं सहित कई प्रकार के धुएं जहरीले हो सकते हैं। यह शोध छोटे आकार में चूहों पर किया गया। ऐसे में अगरबत्ती के धुएं का स्वास्थ्य पर पडऩे वाले प्रभावों के बारे में कोई ठोस निष्कर्ष नहीं दिया जा सकता। शोधकर्ताओं ने बताया कि अगरबत्ती के धुएं में अल्ट्राफाइन और फाइन पार्टिकल्स मौजूद थे। ये सांस के साथ आसानी से शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं और स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं। जिससे खतरनाक बीमारी बनने का खतरा बड़ जाता है।
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