इंसेफ्लाइटिस का कहरः 2014 में मरने वालों की संख्या 570 के पार, बंगाल सबसे अधिक प्रभावित
इस साल सबसे ज्यादा मामले पश्चिम बंगाल में देखने को मिल रहे हैं। इससे अभी तक कम से कम 111 लोगों की मृत्यु हो गई हैं।

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haribhoomi.comCreated On: 26 July 2014 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. भारत में हर साल जापानी इंसेफ्लाइटिस से सैकड़ों जिंदगियां प्रभावित होती हैं। लेकिन मानसून में यह रोग ज्यादा खतरनाक और संक्रामक रुप ले लेता है। इस साल दिमागी ज्वर यानि इंसेफ्लाइटिस से मरने वालों की संख्या करीब 570 तक पहुंच गई है। स्वास्थ अधिकारियों की माने तो यह संख्या और बढ़ने की संभावना है। हर वर्ष उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्य दिमागी बुखार से सर्वाधिक प्रभावित होते हैं। लेकिन इस बार पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्य भी इसके चपेट में है।
इस साल सबसे ज्यादा मामले पश्चिम बंगाल में देखने को मिल रहे हैं। जनवरी के बाद से राज्य में 370 से अधिक लोगों के इस बीमारी की चपेट में आने का पता चला है और इसमें कम से कम 111 लोगों की मृत्यु हो गई हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल में कई कदम उठाये गए हैं। राज्य सरकार ने तीन स्वास्थ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। सभी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। राज्य सरकार ने प्रभावित जिलों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है और बीमारी पर काबू पाने के लिए नगर पालिकाओं से नियमित रूप से स्वच्छता बनाए रखने एवं मच्छरों को भगाने के लिए धुआं छिड़कने जैसी गतिविधियां चलाने के लिए कहा गया है।
विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार यह संक्रामक रोग आदमी के ब्रेन को नुकसान पहुंचाता है। यह एक वायरस जनित रोग है। बहुत तेज बुखार, कय जबकि गंभीर स्थिति में लकवा इस रोग के लक्षण है। कभी-कभी तो इंसान कोमा में पहुंच जाता है। यह रोग मच्छरों और सुअरों द्वारा फैलता है।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, इंसेफ्लाइटिस से निपटने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है-
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