डायबिटीज और दिल के मरीज को सरकार ने दिया झटका, 108 दवाएं होंगी महंगी
सरकार के इस फैसले के खिलाफ फार्मा कंपनियां बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंची थी।

सेंट्रम ब्रोकिंग के सीनियर वीपी रणजीत कपाड़िया के मुताबिक एनपीपीए का अपना प्राइस कंट्रोल का ऑर्डर वापिस लेने से सनोफी, जायड्स, कैडिला, रैनबैक्सी और ल्युपिन को घाटा नही होगा। एनपीपीए के इस फैसले से बाकी कंपनियों को भी फायदा होगा लेकिन ज्यादा फायदा इन कंपनियों को ही होगा। ऑर्डर वापिस लिए जाना पूरी इंडस्ट्री के लिए अच्छी खबर होगी। वहीं फाइजर के पूर्व एमडी केवल हांडा ने एनपीपीए के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहां कि फार्मा कंपनियों के लिए ये एक अच्छी खबर है।
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत फार्मास्युटिकल्स विभाग ने एनपीपीए को दवा मूल्य नियंत्रण आदेश 2013, के अंतर्गत जारी मूल्य नियंत्रण संबंधी दिशानिर्देशों को वापस लेने का निर्देश दिया था। इसके तहत एनपीपीए को गैर अनिवार्य दवाओं का मूल्य नियंत्रित करने का अधिकार मिला था। एनपीपीए ने सोमवार को इस आदेश का अनुपालन किया हालांकि यह आगे की तारीख से लागू होगा।
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