घाटी में आतंकी फैला रहे ड्रग्स का कारोबर, सालभर में कमाते हैं इतने करोड़
घाटी में चलने वाले नशे के अवैध कारोबार को खत्म करने के लिए सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं हैं।

जम्मू-कश्मीर में नशे का अवैध कारोबार जोरो-शोरों से चल रहा है। देश के युवाओं को नशे, चरस की लत में डुबोकर आतंकी करीब 120 तक इकट्ठा कर लेते हैं। घाटी में चलने वाले नशे के इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए अब सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं हैं। जिसके चलते अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंसन एक्ट के नियमों को और कड़ा किया जाएगा।
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गृह मंत्रालय ने यह फैसला तमाम सुरक्षा एजेंसियों द्वारा दिए गए इनपुट के बाद लिया है। जिससे प्रदेश में नशे के इस अवैध कारोबार पर लगाम लगाई जा सके और आतंकियों को इससे मिलने वाली फंडिंग बंद हो जाए।
जम्मू-कश्मीर में नशे के अवैध धंधे को लेकर सभी सुरक्षा एजेंसियों ने चिंता जताई थी। साथ ही कहा था कि इस धंधे से इकट्ठा हो रहे पैसे से आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए उपयोग किया जा रहा है। यहां ड्रग्स आतंकी घटनाओं की फंडिंग का एक अहम जरिया बन गया है। घाटी में इस धंधे को दाउद इब्राहीम का गैंग चलाता है।
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सुरक्षा एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को बताया कि केवल चरस की स्मगलिंग से 120 करोड़ रुपए का फंड इकट्ठा होता है। जांच में पाया गया कि यह कारोबार पाकिस्तान से चल रहा है। सीमापार से ड्रग्स समुद्री रास्ते या फिर सड़क के जरिए भारत में लाया जाता है।
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