जम्मू कश्मीर में 77 वें और 103 वें संशोधन लागू किए जाने को चुनौती
जम्मू कश्मीर में सोमवार को एक याचिका दायर कर इस महीने राष्ट्रपति आदेश के जरिए भारतीय संविधान के 77 वें और 103 वें संशोधन को राज्य में लागू करने के फैसले को चुनौती दी गई है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 19 March 2019 6:30 AM GMT
जम्मू कश्मीर में सोमवार को एक याचिका दायर कर इस महीने राष्ट्रपति आदेश के जरिए भारतीय संविधान के 77 वें और 103 वें संशोधन को राज्य में लागू करने के फैसले को चुनौती दी गई है।
वकील मोहम्मद अशरफ भट और आदिल आसिमी ने इस आधार पर याचिका दायर की है कि भारत का संविधान मंत्रिपरिषद की अनुपस्थिति में जम्मू कश्मीर में लागू नहीं हो सकता।
उन्होंने दलील दी है कि चूंकि राज्य में पिछले साल दिसंबर से राष्ट्रपति शासन लागू है इसलिए इसमें राज्य सरकार का परामर्श और मंजूरी नहीं है, जो कि मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करती है।
याचिका में कहा गया है, ‘‘राज्य में 77 वें और 103 वें संविधान संशोधन को लागू करने की कोई जरूरत नहीं है। इसी तरह जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन)अध्यादेश 2019 जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
खासकर ऐसे समय जब समूचे राज्य में युद्ध जैसी स्थिति है, इन संशोधनों का वक्त समूची कवायद को संदिग्ध बनाता है।'
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