हंदवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़, दो आतंकी ढेर
सेना के जवान सर्च ऑपरेशन में जुट गए हैं।

जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में भारतीय सेना की आतंकियों से मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए। सूत्रों के मुताबिक ये आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं।
2 LeT terrorists killed in an encounter at Handwara's Waripora (visuals deferred by unspecified time). pic.twitter.com/JmR6dm27af
— ANI (@ANI_news) May 14, 2017
सेना के जवान सर्च ऑपरेशन में जुट गए हैं। आपको बता दें, आज ही सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने उत्तर प्रदेश के महराजगंज में नेपाल से सटे सोनौली क्षेत्र में हिज्बुल मुजाहिदीन के एक संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ्तार किया है।
प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के एक अधिकारी ने बताया कि एसएसबी ने सोनौली की सीमा पर नसीर अहमद उर्फ सादिक नामक संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारी के मुताबिक वर्ष 2002-03 में हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ जुड़ा नसीर कश्मीर के बनिहाल से पाकिस्तान गया था और वह अनेक आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है। उसने पाकिस्तान में तीन महीने तक एके-47, एके-56 और एसएलआर चलाने का प्रशिक्षण लिया था।
गौरतलब है कि पाकिस्तानी सैन्य बलों ने शनिवार को भी एक बार फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास मोर्टार दागे और स्वचालित हथियारों से हमला किया जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य लोग घायल हो गए। पाकिस्तानी सेना ने जम्मू कश्मीर में पिछले तीन दिनों में तीसरी बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है।
इससे पहले पाकिस्तानी बलों की गोलीबारी में एक महिला की मौत हो गई थी और तीन अन्य लोग घायल हुए थे। वहीं पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रही फायरिंग को देखते हुए सीमा से सटे सभी स्कूलों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। जम्मू में रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष मेहता ने कहा कि भारतीय सेना जोरदार और प्रभावी रूप से जवाब दे रही हैं।
मेहता ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास सुबह सात बजकर 15 मिनट से छोटे और स्वचालित हथियारों से हमला किया और 82 एमएम एवं 120 एमएम के मोर्टार दागे। डीसी ने बताया कि नियंत्रण रेखा के पास जिस जगह को निशाना बनाया गया है, उसके निकट स्थित पांच बस्तियों में रहने वाले और तकरीबन 100 लोगों को वहां से निकाल कर किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है।
सुरक्षित ठिकानाें पर ले जाए गए लोग
पाकिस्तान के इस कदम के मद्देनजर राजौरी जिले की नौशेरा तहसील से विभिन्न सीमावर्ती बस्तियों में रह रहे 1500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया गया है। सरकार ने पिछले महीने कहा था कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने पिछले एक साल में 268 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। इन घटनाओं में नौ लोगों की मौत हुई।
मार्च में 22 बार हुआ संघर्ष विराम का उल्लंघन
रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने राज्यसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा था कि अप्रैल 2016 से मार्च 2017 के दौरान नवंबर 2016 में सर्वाधिक बार संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ। नवंबर में 88 बार ऐसा किया गया और अक्तूबर 2016 में 78 और इस साल मार्च में 22 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ। भारत और पाकिस्तान के बीच नवंबर 2003 में संघषर्विराम लागू हुआ था।
घाटी में कासो अभियान को चलाए जाने को किया खारिज
कश्मीर घाटी में जारी हिंसा को लेकर आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत साफ किया है कि सेना आम कश्मीरियों के खिलाफ नहीं है। जनरल रावत का कहना है कि सेना सभी कश्मीरियों को आतंकी नहीं मानती। सेना का काम आतंकियों को कश्मीर की आम आबादी से अलग कर निशाना बनाना है। जनरल रावत ने इन खबरों को खारिज किया कि सेना घाटी में फिर से कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन (कासो) चला रही है।
इस रणनीति का इस्तेमाल घाटी में आतंकवाद के सबसे बुरे दौर में किया जाता था, लेकिन सेना ने ऐसे अभियानों को 15 साल पहले बंद कर दिया था। इस ऑपरेशन्स में एक गांव के सभी लोगों के एक जगह इकठ्ठा कर के हर घर की तलाशी ली जाती थी, लेकिन अब सेना ने खुफिया जानकारी के आधार पर कुछ घरों की तलाशी लेने की रणनीति अपनाई है।
सेना का फोकस घने जंगलों में छिपे आतंकियों को ठिकाने लगाने पर है। ऐसा कहा जा रहा था कि पिछले गुरुवार को सेना ने शोपियां इलाके के 15 जिलों में ऐसा ही ऑपरेशन चलाया था। इस ऑपरेशन में सेना की राष्ट्रीय राइफल्स के करीब 4 हजार जवान शामिल हुए थे। जनरल रावत ने कहा, हम कश्मीर में कासो ऑपरेशन्स की ओर नही लौट रहे हैं।
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