Fake Gun Licence Case : जम्मू कश्मीर में चार साल में बांटे गए 2 लाख से ज्यादा फर्जी गन लाइसेंस
Fake Gun Licence Case : जम्मू कश्मीर में बांटे गए कुल 4 लाख से ज्यादा लाइसेंस में से 2 लाख फर्जी थे। साथ ही यह भी बताया गया है कि बांटे गए लाइसेंस का 10 प्रतिशत ही राज्य के लोगों को दिया गया था।

Fake Gun Licence Case : फर्जी गन लाइसेंस के मामले में दो पूर्व जिला मजिस्ट्रेट को गिरफ्तार किया गया है। उन्हें 10 दिन के रिमांड पर श्रीनगर की सीबीआई अदालत ने जांच एजेंसी को सौंप दिया है। उनके साथ साथ आईएएस के तीन अधिकारियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी। आरोप है कि इन लोगों ने 4 साल में 2 लाख से ज्यादा फर्जी गन लाइसेंस बांटे हैं।
ये है मामला
जम्मू कश्मीर के आईएएस अधिकारी राजीव रंजन और पूर्व केएएस इतरत हुसैन 2012 से 2016 के बीच अलग-अलग समय पर जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में जिलाधीश के पद पर तैनात थे। इस दौरान कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुला, शोपियां और पुलवामा के साथ जम्मू के उधमपुर, किश्तवाड़, डोडो और राजौरी में सबसे ज्यादा गन लाइसेंस जारी किए गए। सिर्फ जम्मू में 1,43,013 लाइसेंस जारी हुए। बताया जा रहा है कि उनमें से 1,32,321 राज्य से बाहर के लोगों को बांटे गए थे। रिपोर्ट के अनुसार पूरे राज्य में जारी किए गए 4,23,301 गन लाइसेंस में सिर्फ 10 प्रतिशत ही राज्य के लोगों को दिए गए। इस मामले में आरोप लगाया गया है कि इतनी भारी संख्या में जारी लाइसेंस में लगभग 2 लाख से ज्यादा लाइसेंस भर्जी हैं।
दलाल ग्रोवर से बरामद किए गए थे 565 लाइसेंस
दलाल ग्रोवर जम्मू कश्मीर के जिलाधिकारियों और हथियार बेचने वाले लोगों के बीच दलाल का काम करता था। राजस्थान के एटीएस ने उसे 2017 में ऑपरेशन जुबैदा के अनुसार गिरफ्तार किया था। उस समय एटीएस ने उससे 565 लाइसेंस जब्त किए थे। जिनमें से 93 लोग ऐसे थे जिन्होंने कभी जम्मू कश्मीर में नौकरी नहीं की थी। ग्रोवर उस समय जमानत पर रिहा हो गया था। लेकिन 24 फरवरी को उसे फिर से गिरफ्तार किया गया और 5 मार्च तक के लिए रिमांड पर भेज दिया गया है।