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होंडा मजदूरों के पक्ष में सड़कों पर उतरे कर्मचारी, पंचायत भवन से लघु सचिवालय तक निकाला जुलूस, सौंपा ज्ञापन

आर्थिक मंदी के नाम पर होंडा कंपनी ने 3 महीने पहले गैर कानूनी ढंग से 500 वर्कर्स को नौकरी से निकाल दिया था। अभी 4 नवंबर को 410 वर्कर्स को फिर से गैरकानूनी ढंग से निकाल दिया।

होंडा मजदूरों के पक्ष में सड़कों पर उतरे कर्मचारी, पंचायत भवन से लघु सचिवालय तक निकाला जुलूस, सौंपा ज्ञापन
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सीटू के आह्वान पर मजदूरों ने गुड़गांव के आंदोलनरत होंडा मजदूरों की मांगों के समाधान के लिए शहर की सड़कों पर जोरदार रोष प्रदर्शन किया और लघु सचिवालय पहुंच उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर न्याय की मांग की। इससे पूर्व विभिन्न विभागों के मजदूर एवं परियोजना वर्कर्स बुधवार सुबह करीब 10 बजे पंचायत भवन में एकत्रित हुए और पंचायत भवन से उपायुक्त कार्यालय तक प्रदर्शन करते हुए मालिकों एवं सरकार के खिलाफ मजदूरों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की।

प्रदर्शनकारी अपने बैनर लेकर नारे लगाते हुए उपायुक्त कार्यालय पर पहुंचे। प्रदर्शन का नेतृत्व सीटू के जिला प्रधान एवं राज्य सचिव आनंद शर्मा, जिला कोषाध्यक्ष सीमा, सहसचिव नवीन, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के उपप्रधान शिलकराम मलिक, जनवादी महिला समिति की प्रधान लक्ष्मी छिल्लर ने किया।

उपायुक्त को सौंपे ज्ञापन में कहा कि गुड़गांव के होंडा मोटर प्लांट में 5 नवंबर से 2500 के करीब मजदूर दिन-रात धरने पर बैठे हैं। आर्थिक मंदी के नाम पर होंडा कंपनी ने 3 महीने पहले गैर कानूनी ढंग से 500 वर्कर्स को नौकरी से निकाल दिया था। अभी 4 नवंबर को 410 वर्कर्स को फिर से गैरकानूनी ढंग से निकाल दिया। इसके विरोध में अगले 5 नवंबर को ही बाकी बचे 1800 के करीब ठेका मजदूर कंपनी के अंदर विरोध स्वरूप धरने पर बैठ गए, जबकि नौकरी से निकाले गए मजदूर बाहर बैठे हैं।

5 नवंबर से शुरू हुआ यह आंदोलन अभी भी जारी है। राज्य सरकार व प्रशासन ने आंदोलनकारियों पर दबाव बनाने के लिए भारी पुलिस बल को लगा रखा है। कंपनी प्रबंधन ने आंदोलन पर दमन करने के लिए कंपनी के अंदर बनी कैंटीन व बाथरूम, टॉयलेट तक को बंद करके रखा है, जो अमानवीय व निंदनीय कृत्य है। 11 नवंबर से कंपनी प्रबंधन द्वारा उत्पादन बंद करने का नोटिस लगा दिया गया, जोकि निंदनीय है।

कंपनी में 3000 के करीब ठेका मजदूर काम कर रहे हैं, जबकि स्थाई वर्कर दो हजार से कम हैं। उपायुक्त ने आश्वासन दिया है कि तुरंत हस्तक्षेप करते हुए ठेका सफाई कर्मचारियों को न्याय दिलवाया जाएगा। प्रदर्शनकारियों को आनंद शर्मा, शिलक राम मलिक, सीमा, नवीन, बिजेन्द्र कादयान, लक्ष्मी छिल्लर, महेंद्र सिंह भनवाल़ा ने भी संबोधित किया।

प्रदर्शनकारियों को गेट पर रोका

विभिन्न विभागों के कर्मचारी भारी संख्या में एकत्रित होकर सड़क पर प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे। कर्मचारियों के प्रदर्शन को देखते हुए लघु सचिवालय में तैनात पुलिस कर्मचारियों ने मुख्य गेट को बंद कर दिया और प्रदर्शनकारियों को मुख्य गेट पर ही रोक लिया। जिसके बाद कर्मचारियों ने गेट पर ही मांगों को लेकर नारेबाजी की।

यह है मांगे

-गुड़गांव होंडा कंपनी के निकाले गए ठेका मजदूरों को तुरंत काम पर लिया जाए।

-सभी मांगों का स्थाई समाधान हो।

-प्रदेश भर में आर्थिक मंदी के नाम पर मजदूरों की छंटनी पर रोक लगे।

-छटनी ग्रस्त मजदूरों की नौकरी बहाल की जाए।

-सरकारी व निजी क्षेत्र में कार्यरत तमाम ठेका मजदूर-कर्मचारियों को स्थाई किया जाए।

-समान काम समान वेतन की व्यवस्था लागू हो।

-ठेका सफाई कर्मचारियों का घोषित न्यूनतम वेतन 15 हजार रुपये लागू करवाया जाए।

-ईएसआई एवं पीएफ की सुविधा लागू की जाए।

-जो पैसा मजदूरों का ईएसआई एवं पीएफ के नाम पर काटा गया है, वह किनकी जेब में गया है, उसकी जांच करवाई जाए।

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