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हिंसा की घटना को रोकने में खट्टर सरकार विफलः सुरजेवाला

डेरा प्रमुख राम रहीम को सीबीआई की कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है।

हिंसा की घटना को रोकने में खट्टर सरकार विफलः सुरजेवाला
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डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद राज्य में हुई हिंसा की घटनाओं और उनपर काबू पाने में राज्य सरकार की असफलता पर प्रहार करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को कहा कि हरियाणा सरकार को तुरंत बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।

सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता के नशे में चूर हैं, उन्हें लोगों की पीड़ा समझ में नहीं आ रही। हरियाणा सरकार आस्था के नाम पर अपनी नाकामी छिपा रही है। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के मामले में पंचकूला और सिरसा में जिस तरह कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ीं और प्रदेश को जलने के लिए छोड़ दिया गया, उसमें अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अग्निपरीक्षा है।

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प्रधानमंत्री को अब अपना राजधर्म निभाने की नसीहत देते हुए रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि देखना यह है कि प्रधानमंत्री हरियाणा में हुई हिंसा को लेकर अपना राजधर्म निभाते हैं या अपने सखा सीएम मनोहर लाल को बचाने का काम करते हैं। रणदीप सुरजेवाला आज जींद में कांग्रेस नेता जयवीर बिसला के निधन पर शोक जताने पहुंचे थे।

यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार को तुरंत बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता के नशे में चूर हैं। उन्हें लोगों की पीड़ा समझ में नहीं आ रही और हरियाणा सरकार आस्था के नाम पर अपनी नाकामी छिपा रही है।

उन्होंने कहा कि आस्था के नाम पर पंचकूला जैसे शहर को सरकार ने जलने दिया। इस मामले में खट्टर सरकार औंधे मुंह गिरी है। कुल 42 लोगों की जान चली गई और करोड़ों रुपए की संपत्ति स्वाहा हो गई। इसके लिए भाजपा सरकार का निकम्मापन और मुख्यमंत्री मनोहरलाल सीधे-सीधे जिम्मेदार हैं। प्रदेश की जनता ने पूरे 72 घंटे हिंसा का तांडव देखा।

सुरजेवाला ने कहा कि यह तीसरा मौका है जब एक षडयंत्र के तहत प्रदेश की जनता को हिंसा की आग में धकेला गया। सुरजेवाला ने कहा कि पिछले साल जाट आरक्षण के नाम पर पूरे 10 दिन तक हिंसा का मंजर जनता ने देखा। सरकार पूरी तरह से फेल नजर आई। आरक्षण के नाम पर 32 लोगों की जान चली गई। उस समय सीएम और उनकी सरकार कहीं नजर नहीं आई।

उसके बाद बरवाला में रामपाल प्रकरण में छह लोगों की जान चली गई। तब भी सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी रही। अब पंचकूला में सरकार की नाकामी सबके सामने है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजधर्म निभाने की बजाए अपने सखा को बचा रहे हैं। उन्हें हरियाणा की जनता की पीड़ा समझ में नहीं आ रही।

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