''जींस पहनकर लड़कों को रिझाती हैं लड़कियां, मोबाइल है भागने में मददगार''
हरियाणा के सोनीपत के ईशापुर खेड़ी गांव में पंचायत ने तालिबानी फरमान सुनाया है। पंचायत ने फरमान जारी करते हुए कहा कि गांव की लड़कियां जींस नहीं पहनेंगी और मोबाइल भी नहीं रखेंगी।

हरियाणा के सोनीपत के ईशापुर खेड़ी गांव में पंचायत ने तालिबानी फरमान सुनाया है। पंचायत ने फरमान जारी करते हुए कहा कि गांव की लड़कियां जींस नहीं पहनेंगी और मोबाइल भी नहीं रखेंगी।
Haryana: For the past one year, a Panchayat in Sonipat's Isaipur Khedi village has banned girls from wearing jeans and using mobile phones. Sarpanch Prem Singh says 'Girls are not allowed to wear jeans in our village and as they misuse mobiles, we have banned that as well' pic.twitter.com/rt3SRvwaWy
— ANI (@ANI) April 18, 2018
पंचायत का तर्क
इसके पीछे पंचायत ने तर्क दिया कि बीते दिनों गांव में 3 मामलों में लड़कियां अपने प्रेमी के साथ शादी के लिए भाग गई थीं। जब मामले की जांच हुई तो पाया गया कि ये लड़कियां जींस पहनती थीं और मोबाइल पर बात करती थीं।
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बता दें कि पंचायत के इस फैसले को लेकर बाकायदा गांव में मुनादी कराई गई है। साथ ही पंचायत की ओर से सरपंच खुद लोगों के बीच बैठक करके फैसले पर अमल कराने के लिए लोगों से कह रहे है।
आश्चर्य की बात तो यह है कि ग्रामीण पंचायत के फैसले की सराहना कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करना चाह रहे हैं कि गांव की कोई भी लड़की जींस न पहने। बीते दिनों लिए गए पंचायत के इस फैसले को अब सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
भागने के पीछे मोबाइल जिम्मेदार- सरपंच
गांव के सरपंच प्रेम सिंह का कहना है पिछले दिनों ईशाखेड़ी में दो-तीन घटनाएं हुईं, जिसमें लड़कियां अपने प्रेमियों के साथ भाग गईं। लड़कियों के भागने से पंचायत की बदनामी हुई थी। इसके बाद पंचायत ने मामले में मोबाइल को इन घटनाओं में अहम जिम्मेदार माना।
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जीन्स पहनकर रिझाती हैं लड़कियां- सरपंच
सरपंच का कहना है कि लड़कियां जींस पहनकर लड़कों को 'रिझाती' थीं। उन्होंने कहा कि अगर लड़कियां ऐसे 'भड़कीले' कपड़े पहनेंगी और फोन पर लड़कों से बात करेंगी तो ऐसा होगा ही। इसलिए पंचायत ने गांव में सभी के हित को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है।
This is completely wrong,problem is in mentality of men, not in the clothes we wear. How can you judge the character of a woman from the clothes she wears?:Resident of Isaipur Khedi village in Sonipat where Panchayat had banned girls from wearing jeans and using mobiles #Haryana pic.twitter.com/ieZk0ne2mK
— ANI (@ANI) April 18, 2018
गांव की लड़कियों ने कही ये बात
पंचायत के तुगलकी फरमान को लेकर गांव की एक लड़की ने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है। समस्या पुरुषों की मानसिकता में है, हमारे कपड़ों में नहीं। एक महिला के कपड़े पहनने के ढंग से कैसे उसके चरित्र को तय किया जा सकता है।
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