तंवर के बाद कांग्रेस को दूसरा झटका, पूर्व विधायक ने भी कहा अलविदा
हाल ही में कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर (Ashok Tanwar) ने पार्टी से इस्तीफा दिया है। जिसके बाद 2009 में कांग्रेस विधायक रह चुके संपत सिंह (Sampat Singh) ने भी रविवार को कांग्रेस (Congress) पार्टी से अलविदा कह दिया है। वो भी टिकट जाने की वजह से पार्टी के विरोध में आ गए हैं।

Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की राहें कठिन होती जा रही हैं। अभी अशोक तंवर (Ashok Tanwar) के कांग्रेस (Congress) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के झटके से पार्टी उभर भी नहीं पाई थी तब तक कांग्रेस के एक और दिग्गज नेता प्रोफेसर संपत सिंह (Sampat Singh) नें भी पार्टी को अलविदा कह दिया है। हिसार (Hisar) में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व वित्त मंत्री एवं छह बार विधायक रह चुके संपत सिंह नें खुलेआम कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी टिकट कुलदीप बिश्नोई ने कटवाई है। उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है लेकिन वह कौन सी पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं यह स्पष्ट नहीं किया है।
प्रोफेसर संपत सिंह ने पार्टी की पोल खोलते हुए कहा है कि कांग्रेस ने पार्टी के नेताओं को टिकट बांटने की जिम्मेदारी सौंप दी थी और सबने अपने करीबीयों को टिकट बांटे हैं। उन्होंने कहा कि, भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 51, कुमारी शैलजा को 15, अशोक तंवर को 6, रणदीप सुरजेवाला को 5, किरण 3, अजय सिंह को 4, सावित्री जिंदल को 1 और कुलदीप बिश्नोई को 5 टिकट बांटी हैं। उसी के अनुसार उम्मीदवारों को चुनाव में उतारा गया है।
बता दें रविवार को रोहतक में सीएम खट्टर (CM Khattar) के कार्यक्रम में संपत सिंह शामिल हुए थे। जिसके बाद उनके भाजपा (BJP) ज्वाइन करने की अटकलें तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि अगर वह भाजपा का दामन थाम लेते हैं और आदमपुर विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ प्रचार करते हैं तो इसका सीधा फायदा भाजपा उम्मीदवार सोनाली सिंह फौगाट (Sonali Singh Phogat) को मिलेगा। संपत ने टिकट कट जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि, जिन लोगों ने पांच साल ग्राउंड लेवल पर पार्टी के हित में कार्य किए। उनके ही टिकट काट दिए गाए।
प्रोफेसर संपत सिंह 1982 में पहली बार चुनावी रण में उतरे थे। वह भट्टूकलां से जनता पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीते थे। उसके बाद उन्होंने 1987,1991, 1998, 2000 में भी विधानसभा चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। 2009 में संपत सिंह कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे।
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