राम रहीम की बढ़ी मुश्किलें, डेरे के दो समर्थकों ने खोला अब तक का सबसे बड़ा राज!
25 अगस्त को जब पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष कोर्ट में जब गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिया गया तो उसके बाद यहां हिंसा और आगजनी और तोड़फोड़ हुई।

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। क्योंकि 25 अगस्त को पंचकूला में हुई हिंसा के मामले में बाबा राम रहीं के दो नजदीकी हनीप्रीत और विपासना के खिलाफ खड़े हो गए हैं।
इस मामले में सिरसा निवासी अनिल कुमार और राजस्थान के हनुमानगढ़ निवासी राजेश कुमार ने सरकारी गवाह बनते हुए डेरा चेयरपर्सन विपासना के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है।
खबरों के मुताबिक अनिल कुमार और राजेश कुमार के बयान दर्ज किए गए हैं, जिसमें डेरा और डेरा प्रमुख के राज से पर्दा उठने लगा है। डेरे के दो समर्थकों की गवाही साफ हो गया है कि बाबा राम रहीम को छुड़वाने के लिए पंचकूला में खून की नदियां बहाने का फैसला लिया गया था।
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बता दें कि पंचकूला हिंसा मामले में डेरा प्रमुख की भूमिका जैसे-जैसे साफ हो रही है, माना जा रहा है कि कानून का शिकंजा और भी कसेगा।
बताते चले कि 25 अगस्त को जब पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष कोर्ट में जब गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिया गया तो उसके बाद यहां हिंसा और आगजनी और तोड़फोड़ हुई। इसमें 36 लोगों की मौत हो गई थी।
इस हिंसा में वाहनों सहित करोड़ों की संपत्ति का भी नुकसान हुआ। इस मामले में डेरा प्रमुख को सजा सुनाने के बाद से वह रोहत की सुनारिया जेल में है, जहां एसआईटी एक बार पूछताछ भी कर चुकी है।
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