पंचकुला दंगों में राम रहीम बनाए जा सकते हैं आरोपी, ये है कारण
पंचकुला हिंसा मामले में राम रहीम के खिलाफ एक और याचिका दाखिल हो गई है। यह याचिका राम रहीम (Ram Rahim) के पूर्व ड्राईवर और राजदार रहे खट्टा सिंह (Khatta Singh) ने दाखिल की है।

रोहतक की सुनारिया जेल (Sunaria Jail) में बंद डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुशिकलें अब और बढ़ सकती है। पंचकुला दंगों में राम रहीम को आरोपी बनाया जा सकता है। राम रहीम (Ram Rahim) के पूर्व ड्राईवर और राजदार रहे खट्टा सिंह (Khatta Singh) ने आज पंचकूला अदालत में एक याचिका दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि पंचकुला में 25 अगस्त 2017 को हुई हिंसा के मामलों में राम रहीम पर आरोप तय किए जाएं।
याचिका पर 18 जनवरी को होगी सुनवाई
याचिका में राम रहीम (Ram Rahim) के पूर्व ड्राईवर और राजदार रहे खट्टा सिंह ने बताया है कि राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकुला में हिंसा हुई थी। याचिका में आरोप है कि हिंसा मामलों में 240 एफआईआर दर्ज हुई है लेकिन किसी में भी राम रहीम का नाम नहीं है, जबकि पंचकुला हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता राम रहीम ही है। साथ ही कहा है कि राम रहीम की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत को साजिशकर्ता के तौर पर समन किया जाए। याचिका पर 18 जनवरी को सुनवाई होगी।
पंचकूला दंगों के पीछे राम रहीम का हाथ
खट्टा सिंह का कहना है कि 25 अगस्त 2017 को पंचकुला में जो कुछ भी हुआ वह राम रहीम और हनीप्रीत के इशारे पर हुआ। इतनी बड़ी साजिश इन दोनों के बिना संभव नहीं है। खट्टा सिंह ने कहा कि वह राम रहीम को अच्छी तरह जानता है, उसका दिमाग कैसे चलता है, दोषी करार दिए जाने के बाद रेड बैग लाने का इशारा करना और उसके बाद हिंसा भड़कना, ये सब पहले से तय किया गया था। इसके लिए बाकायदा डेरे में मीटिंग भी हुई थी।
सरकार पर आरोप
खट्टा सिंह के वकील मोहिंदर जोशी जो कि खुद भी डेरे से काफी सालों से जुडे रहे हैं। उनका कहना है कि हमने याचिका में साफ लिखा है कि राम रहीम के कहने पर डेरा और उसके लोग कुछ भी कर सकते हैं। जोशी ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने इस मामले की जांच के लिए जो एसआईटी बनाई हुई है, वह दबाव में है। सरकार डेरे के वोट बैंक को देख रही है इसलिए राम रहीम के प्रति नरम रुख अपनाया हुआ है।