ग्रामीणों ने नशे के खिलाफ की महापंचायत, नशा कारोबारियों को पकड़वाने पर देगी 3100 रुपये इनाम
युवा पीढ़ी को नशे से बचाने और अपने गांव को नशा मुक्त बनाने के लिए कैमला गांव के ग्रामीण लामबंद हो गए है। ग्राम पंचायत कैमला ने महापंचायत कर गांव में अवैध नशा कारोबार पर रोक लगाने का फैसला किया है।

नशा न सिर्फ व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से अपंग बना देता है बल्कि आर्थिक तौर पर भी बर्बाद कर देता है। नशे की मार से गांव की युवा पीढ़ी की जड़ें खोखली होती जा रही है। युवा पीढ़ी को नशे से बचाने और अपने गांव को नशा मुक्त बनाने के लिए कैमला गांव के ग्रामीण लामबंद हो गए है। ग्राम पंचायत कैमला ने गांव में अवैध रूप से नशों का कारोबार चलाने वाले लोगों के खिलाफ कमर कसते हुए एक महापंचायत बुलाई।
जिसमें ग्रामीणों ने एक स्वर में नशाखोरी के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका। पंचायत में फैसला लिया गया है कि नशा बेचने और खरीदने वालों के खिलाफ पंचायत कानूनी कार्रवाई करेगी। यदि कोई व्यक्ति नशा व्यापारियों को पकड़वाता है तो उसको 3100 रुपए का गुप्त सम्मान भी दिया जाएगा। नशेडि़यों व नशा कारोबारियों पर शिकंजा कसने के लिए रविवार की सुबह गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में सरपंच सुनील कुमार की अध्यक्षता में एक महापंचायत हुई।
इस महापंचायत में सरपंच सुनील कुमार ने पंचायत के समक्ष उन लोगों की लिस्ट जारी की, जो गांव में नशा बेचने का काम करते है। इस लिस्ट में पैग सेल से लेकर स्मैक, गाजा, चुरा पोस्त और अन्य प्रकार के नशीले पदार्थ बेचने वालों के नाम दर्ज है। नशा कारोबारियों के आंकड़ों को देख ग्रामीणों की हवाईयां उड़ गई। गांव की गली-गली तक पहुंच चुके नशे को रोकने के लिए पंचायत ने 35 सदसीय कमेटी का गठन किया है। यदि कोई आरोपी की जमानत करवाता है तो उसका पंचायत बहिष्कार करेगी। पंचायत ने कैमला-डिंगर माजरा रोड पर शराब के ठेके की ब्रांच को बंद करने का भी फैसला लिया है।
ग्रामीणों ने किया महापंचायत के फैसले का समर्थन
मास्टर हरिसिंह, ग्रामीण रमेश कुमार, सोनू, प्रवीन कुमार, संदीप, राजू, बलराज, हरपाल व अन्य ग्रामीणों का आरोप है कि आज गांव में जगह-जगह पर दारू के अवैध खुर्दे बने हुए है। जहां पर पैग सेल से लेकर मादक पदार्थों की बिक्री की जाती है। स्मैक, अफीम, गांजा जैसे मादक पदाथार्े से युवाओं की नसों में नशे का जहर घोला जा रहा है। इस महापंचायत से उन नशे के अवैध कारोबारियों के खिलाफ आवाज उठाई गई है, जो युवा पीढ़ी को नशे की गर्त में धकेल रहे है। पंचायत द्वारा यह कदम पहले ही उठा लेना चाहिए था। इसके अलावा बुलेट बाइक से पटाखा फोड़ने वाले शरारती तत्वों के खिलाफ भी कमेटी एक्शन लेगी। पंचायत के इस फैसले का ग्रामीणों ने एक स्वर में समर्थन किया है। यदि हमें अपनी युवा पीढ़ी का नशे से बचाना है तो एकजुट होना पड़ेगा।
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