एसडीएम की न पड़े मार इसके लिए अनपढ़ गुर्गे तैयार, ओवरलोड ट्रकों को बाहर निकाल कमा रहे 30 हजार
हरियाणा में इन दिनों कस्टम अधिकारियों और दलालों के बीच 'तू डाल डाल मैं पात पात' की कहानी चल रही है। ओवरलोड वाहनों से वसूली के लिए दलालों ने एक ऐसी टीम तैयार कर दी है जो अधिकारियों को लगातार चकमा दे रही है।

हरियाणा में इन दिनों कस्टम अधिकारियों और दलालों के बीच 'तू डाल डाल मैं पात पात' की कहानी चल रही है। ओवरलोड वाहनों से वसूली के लिए दलालों ने एक ऐसी टीम तैयार कर दी है जो अधिकारियों को लगातार चकमा दे रही है।
ओवरलोड वाहनों को अधिकारियों से बचाने के लिए एक बड़ा वसूली गिरोह बन गया है। जो प्रदेश के सभी अधिकारियों की लोकेशन की जानकारी रखता है और उसे उक्त ट्रक मालिकों को देता है। ट्रक मालिक इसके लिए बकायदा महीना सेट किए हुए हैं।
वसूली गैंग ने अपने तार पूरे प्रदेश में फैलाए हुए है। जिन जिलों से होकर ट्रक को गुजरना होता है वहां के प्रमुख से उन रास्तों के बारे में पूछ लिया जाता है, अगर गुर्गे ने रास्ता क्लीयर बता दिया तभी गाड़ी आगे बढ़ती है। वरना वहीं रोक ली जाती है।
जानकारी देने के लिए वाट्सऐप पर ग्रुप बना है। एक ग्रुप में 250 लोग हैं, उनमें जानकारी देने के लिए 5 एडमिन होते हैं जो अलग अलग क्षेत्रों के रास्तों और अधिकारियों से पूरी तरह वाकिफ होते हैं।
इसके लिए उन्हें 20 से 30 हजार रुपए मिलते हैं। 60 की संख्या में ये गुर्गे तीन राज्यों में ओवर लोड वाहनों के लिए सुविधा मुहैया करवाते हैं। जानकर ताज्जुब होगा की इन गुर्गो को आरटीओ और एसडीएम के गाड़ियों के नंबर जुबानी याद हैं।
हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली की सीमाओं पर अनुभवी गुर्गों की तैनाती की जाती है, कभी बाइक से तो कभी कार से ओवर लोड वाहनों को बार्डर पार करवा दिया जाता है। बार्डर पार करवाने में बाकी के मुकाबले ज्यादा पैसा चुकाना पड़ता है।
पुलिस और अधिकारियों को इस मामले भनक भी नहीं है कि उनकी सूचना उन्हीं के पास से ओवरलोड वाहनों तक पहुंचाया जा रहा है। अब जब मामले की जानकारी हो गई तो बड़ा सवाल ये भी है कि इसपर कैसे वह नियंत्रण कर पाएगी।
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