भावांतर भरपाई योजना: किसानों के पंजीकरण की अंतिम तारीख 31 मई की
लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने भावांतर भरपाई योजना (Bhavantar Bharpai Yojana) के अंतर्गत फसल पंजीकरण की अंतिम तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर 31 मई, 2020 कर दी गई है, जिससे किसान इस योजना का लाभ उठा सकेंगे

चंडीगढ। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए, भावांतर भरपाई योजना (Bhavantar Bharpai Yojana) के अंतर्गत फसल पंजीकरण की अंतिम तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर 31 मई, 2020 कर दी गई है, जिससे किसान इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग द्वारा पंजीकरण के लिए विशेष अभियान चलाकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि किसान स्वयं सर्वे सेवा केंद्र, ई-दिशा केंद्र, मार्केटिंग बोर्ड, बागवानी विभाग, कृषि विभाग और इन्टरनेट कियोस्क के माध्यम से मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल fasalhry.in के माध्यम से पंजीकरण करवा सकें।
कृषि मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन की वजह से सब्जियों की खपत में कमी आई है। उन्होंने कहा कि किसानों की मदद के लिए डायरेक्ट मार्किटिंग की ओर से प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि लगभग 110 किसानों को उत्पादक संघों के माध्यम से सीधा विपणन करने के लिए लाइसेंस जारी करवाया गया है ताकि वे हरियाणा के विभिन्न शहरों में जाकर लगभग 8 हजार क्विंटल प्रतिदिन का सीधे उपभोक्ता तक विक्रय कर सकेंगे, जिससे किसानों को सीधा लाभ पहुंचेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा यह भी प्रयास किया जा रहा है कि हरियाणा के किसानों की सब्जियों को दिल्ली की आजादपुर मंडी में बिना रूकावट के भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि 5 बॉर्डर -मार्गों द्वारा प्रतिदिन लगभग 150 वाहनों के माध्यम से सब्जी उत्पाद का यातायात किया जा रहा है जोकि किसी भी अन्य राज्य से कई गुणा ज्यादा है। इससे बिक्री में मदद होगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा लगभग 3 लाख 70 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में सालाना सब्जी का उत्पादन करता है। जिसमें से लगभग 50 प्रतिशत रबी व जायज सीजन के दौरान सब्जियों का उत्पादन होता है। इस समय मुख्यत: टमाटर, शिमला मिर्च, घिया, तौरी, करेला, खीरा, मिर्च, भिंडी इत्यादि का उत्पादन हो रहा है।