हरियाणा सरकार की पत्रिका में छपा- ''घूंघट की आन-बान, म्हारे हरियाणा की पहचान'', मचा बवाल
हरियाणा में एक तरफ सेल्फी विद डॉटर का अभियान चल रहा है और दूसरी तरफ महिलाओं को घूंघट में रखना राज्य की पहचान बताई जा रही है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 28 Jun 2017 12:55 PM GMT
केंद्र सरकार का बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ आंदोलन को हरियाणा में बेटी छुपाओ में बदला जा रहा है। इसके तहत हरियाणा में महिलाओं को घूंघट में छुपकर रहने की सलाह दी जा रही है।
राज्य सरकार ने हाल ही में किसानों के लिए एक बुकलेट जारी की है जिसमें सबसे आखिरी पृष्ठ पर एक महिला घूंघट में दिखाई गई है, वो महिला चारा ढो कर ले जा रही है। इस फोटो के बगल कैप्शन में लिखा गया है कि 'घूंघट की आन-बान, म्हारे हरियाणा की पहचान'। ये तस्वीर कृषि संवाद के मार्च इशू में छपी है।
हरियाणा में एक तरफ सेल्फी विद डॉटर का अभियान चल रहा है और दूसरी तरफ महिलाओं को घूंघट में रखना राज्य की पहचान बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि राज्य में ऐसे कई गैर-सरकारी संगठन हैं जो कि महिलाओं को घूंघट के पर्दे से मुक्ति दिलाने का कार्य कर रहे हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी जवाहर यादव ने कहा कि एक फोटो के आधआर पर फैसला नहीं सुनाया जा सकता है, हम नहीं चाहते कि महिलाएं घूंघट में रहें। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि यह भाजपा सरकार की मानसिकता को दर्शाती है। सरकार राज्य की महिलाओं को केवल गुलाम और बस इस्तेमाल करने वाली वस्तु के रूप में बनाकर रखना चाहती है। उन्हें इस बात का एहसास भी नहीं है कि हरियाणा की महिलाएं हर फील्ड में अपना बेहतरीन प्रदर्शन करके दिखा रही हैं, चाहे वो कुश्ती हो या बॉक्सिंग। महिलाएं खेल से लेकर किसी भी अन्य फील्ड में पुरुषों से पीछे नहीं हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि महिलाओं को घूंघट में रखने का कार्य 19वीं सदी में किया जाता था लेकिन भाजपा इसे 21वीं सदी में कर रही है।
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