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अस्पताल में आधार मामले को लेकर शहीदों के परिजन नाराज, बेटी ने कही ये बात

हरियाणा में प्राइवेट अस्पताल की लापरवाही के चलते कारगिल की शहीद विधवा की मौत हो गई।

अस्पताल में आधार मामले को लेकर शहीदों के परिजन नाराज, बेटी ने कही ये बात
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हरियाणा के सोनीपत में ओरिजनल आधार लाने की जिद के चलते कारगिल शहीद की पत्नी की मामला तूल पकड़ता दिख रहा है। इस घटना के बाद से खासकर कारगिल में शहीद के परिजनों में खासी नाराजगी है, उन्होंने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है।

कारगिल शहीद मेजर सीबी द्विवेदी की बेटी दीक्षा द्विवेदी ने ने कहा है कि ये कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है कि ऐसा भी हो सकता है। इसलिए मुझे अपने परिवार को लेकर डर लगता है। CGHS के फायदे हैं लेकिन इसे आधार कार्ड से जोड़ने और इसकी एक फोटोकॉपी पेश करना हास्यास्पद है।

गौरतलब है कि हरियाणा में प्राइवेट अस्पताल की लापरवाही के चलते कारगिल की शहीद विधवा की मौत हो गई। सोनीपत के इस निजी अस्पताल ने महज इसलिए महिला का इलाज करने से मना कर दिया क्योंकि उसके परिजनों के पास आधार कार्ड की मूल प्रति नहीं थी।

जबकि मृतक महिला के बेटे ने अपने फोन में आधार कार्ड दिखाया था। लेकिन अस्पताल ओरिजनल आधार कार्ड लाने की बात पर अड़ा रहा और महिला ने इलाज के आभाव में तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।

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परिजनों ने लगाया अस्पताल और पुलिस पर आरोप

महिला के परिजनों का कहना है कि घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने भी अस्पताल का ही साथ दिया। मृतका के बेटे पवन ने बताया कि मैं अपनी मां को गंभीर हालत में अस्पताल लेकर आया था।

यहां मुझसे आधार कार्ड मांगा गया लेकिन मेरे पास मां का ओरिजिनल आधार नहीं था तो मैने आधार कार्ड की कॉपी अपने फोन दिखाई थी। साथ ही यह भी कहा था कि मैं एक घंटे के अंदर ओरिजनल आधार कार्ड लेकर आ जाऊंगा लेकिन आप इलाज शुरु कर दें। लेकिन इस बात पर अस्पताल राजी नहीं हुआ और उसने इलाज करने से मना कर दिया।

करगिल शहीद की पत्नी है मृतका

बता दें कि सोनीपत के महलाना गांव के पवन के पिता लक्ष्मण दास 1999 में करगिल युद्ध में शहीद हुए थे। पवन की मां शकुंतला देवी पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थीं।

जब गुरुवार शाम को शकुंतला की तबीयत फिर से बिगड़ी तो उन्हें सेना कार्यालय स्थित अस्पताल ले जाया गया लेकिन यहां से उन्हें प्राइवेट अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई। इसके बाद जब बेटा पवन अपनी मां को लेकर निजी अस्पताल पहुंचा तो अस्पताल की संवेदनशीलता के चलते उनकी मां की मौत हो गई।

अस्पताल कर रहा लीपापोती

जब मामला मीडिया के सामने आया तब अस्पताल मामले की लीपापोती में लग गया। अस्पताल का कहना है कि हमने किसी महिला के इलाज के लिए मना नहीं किया है।

इस बात पर गौर किया जाए कि पवन मरीज को हॉस्पिटल लेकर आया ही नहीं। न हमने किसी को भी आधार की वजह से इलाज के लिए रोका है। हम जानते हैं कि आधार जरूरी है लेकिन इलाज के लिए नहीं, महज कागजी कार्रवाई के लिए।

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