पत्नी को गुजाराभत्ता देने के लिए 10 हजार के सिक्के लेकर कोर्ट पहुंचा पति, पत्नी समेत कोर्ट भी हैरान
10-10 के इतने सारे सिक्के देखकर कोर्ट ने पति को जेल भेजने की चेतावनी दी।

हरियाणा के बहादुरगढ़ मैजिस्ट्रेट कोर्ट में एक ऐसा मामला देखने मिला जिससे न सिर्फ कोर्ट का मजाक उड़ा बल्कि जज को परेशानी भी उठानी पड़ी। दरअसल, एक महिला अपने पति से पांच महीने से अलग रही थी, उसका पति उसे गुजाराभत्ता नहीं दे रहा था, पत्नी ने केस दर्ज कराया तो कोर्ट ने पति को हर महीने दो हजार रुपए देने का आदेश सुनाया।
महिला के पति का नाम नवीन कुमार वर्मा है। नवीन शनिवार को 5 महीने का गुजाराभत्ता (10 हजार रुपए) लेकर कोर्ट पहुंचा। लेकिन नवीन से उसकी पत्नी ने पैसे लेने से इनकार कर दिया। इनकार करने की वजह यह थी कि वो 10 हजार रुपए के 10-10 के सिक्के के रूप में दे रहा था।
जानकारी के मुताबिक, नवीन के खिलाफ उनकी पत्नी ने 2 सितंबर 2015 को घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था, जिसके तहत मैजिस्ट्रेट ने उन्हें इसी साल जनवरी में पत्नी को अंतरिम गुजाराभत्ते के तौर पर हर महीने 2,000 रुपये देने को कहा था।
नवीन ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए वह 7 जुलाई को केस की सुनवाई के दिन पांच महीनों का खर्च एक साथ लेकर कोर्ट पहुंच गया। लेकिन इस केस से संबंधित मैजिस्ट्रेट उस दिन छुट्टी पर थे। ऐसे में कोर्ट के स्टाफ ने नवीन से खर्च की रकम के बारे में पूछा। नवीन ने कहा हां मैं लाया हूं। उसने अपने पास 10-10 के सिक्कों से भरे बैग को दिखाया। ये देखकर नवीन की पत्नी समेत कोर्ट के स्टाफ भी हैरान रह गए।
नवीन की पत्नी ने भी पैसे लेने से इनकार कर दिए। लेकिन नवीन ने यही पैसे देने की जिद की। उसकी जिद को देखते हुए स्टाफ के सदस्यों ने उस दिन की सुनवाई के लिए लिंक मैजिस्ट्रेट के पास लगा दिया। कोर्ट स्टाफ ने संबंधित मैजिस्ट्रेट को पहले ही पूरा केस समझा दिया। लिहाजा वर्मा के कोर्ट में आते ही अदालत ने उनसे पूछा, 'आप यह क्यों कर रहे हैं, क्यों कोर्ट को परेशान करना चाहते हैं।'
नवीन के मुताबिक, मैजिस्ट्रेट ने भी सिक्कों के रूप में रकम लेने से मना कर दिया। इस पर उन्होंने कोर्ट से कहा कि वह इंडियन करेंसी लेकर आए हैं और कोर्ट उसे लेने से मना नहीं कर सकती।
नवीन ने कोर्ट में कहा, 'मुझे खर्चा देने के लिए कहा गया था और मैं खर्चे की पूरी रकम के साथ आया हूं। वर्मा के बताए अनुसार, उन्होंने कोर्ट में यह भी कहा कि वह परदों की सिलाई और रॉड फिटिंग का काम करते हैं। उन्हें 2000 का नोट ही बहुत मुश्किल से देखने को मिलता है। इसलिए जो उनके पास था, वह अपने साथ लेकर कोर्ट आ गए हैं।
हालांकि कोर्ट ने उनकी दलीलों को ठुकरा दिया। बहस के लिए उनके खिलाफ वॉरंट जारी करने और जेल भिजवा देने की चेतावनी दी। इस पर थोड़ा शांत हुए नवीन को कोर्ट ने निर्देश दिया कि वह अपने सिक्के बैंक में जमा करवा दें। साथ ही अगली सुनवाई में 2015 से लेकर अब तक की फुल पेमेंट के तौर पर 50,000 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट बनवाकर आएं।
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