हरियाणा-महाराष्ट्र चुनाव : पितृपक्ष के बाद कांग्रेस करेगी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा
ज्योतिरादत्यि सिंधिया की अध्यक्षता में बनी छानबीन समिति ने ताबड़तोड़ बैठक कर अब तक पांच दर्जन ऐसे प्रत्याशियों के नाम पर सहमति बना ली है जिन पर सभी वरष्ठि नेताओं के बीच तकरीबन सहमति है।

महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिये प्रत्याशियों की घोषणा कांग्रेस पार्टी पितृ पक्ष के बाद शुरू करेगी। सबसे पहले महाराष्ट्र की 125 सीटों में से लगभग 60 सीटों की घोषणा की जाएगी। पार्टी के उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शरद पवार की राकांपा से गठबंधन के बाद आधी-आधी सीटों पर चुनाव लड़ने का जैसे ही फैसला हुआ सूबे के लिये बनाई गई स्क्रीनिंग कमेटी ने तेजी से काम करना शुरू किया।
ज्योतिरादत्यि सिंधिया की अध्यक्षता में बनी छानबीन समिति ने ताबड़तोड़ बैठक कर अब तक पांच दर्जन ऐसे प्रत्याशियों के नाम पर सहमति बना ली है जिन पर सभी वरष्ठि नेताओं के बीच तकरीबन सहमति है। सूत्रों ने कहा कि इसी महीने 28 तारीख को पितृपक्ष खत्म होते ही सबसे पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिये कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी।
सूत्रों ने ये भी साफ किया कि हरियाणा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी माथापच्ची शुरू हो गई है, मगर सूबे की बदली हुई कांग्रेस नेतृत्व के कारण खींचातानी जबरदस्त है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने लंबे समय से आलाकमान पर दबाव बनाया हुआ था कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। सूत्रों ने बताया कि हुड्डा चाहते थे कि टिकट वितरण में उनकी भूमिका बैठकों में तय हो इसके लिये आलाकमान ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की बजाय विधायक दल का नेता बना दिया।
अब हुड्डा तो हर महत्वपूर्ण बैठकों में शिरकत करेंगे लेकिन पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ऐसी बैठकों में औपचारिक रूप से भाग नहीं ले पायेंगे, सो वे अपने समर्थकों को टिकट दिलाने को अपनी तरह से लॉबिंग कर रहे हैं। झारखंड प्रदेश अध्यक्ष डा. अजॉय कुमार के पार्टी से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने के बाद वहां भी कांग्रेस की सियासी फिजा बदली है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय और प्रदेश के नव-नियुक्त अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के बीच छत्तीस का आंकड़ा सहाय के सार्वजनिक बयान के बाद सामने आया तो टिकट वितरण को लेकर दोनों के बीच रस्साकशी तेज हो गई है। इसी का नतीजा है कि फार्मूला तय किया गया कि मौजूदा संगठन पदाधिकारियों को टिकट नहीं दिया जाएगा।
स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष और छग सरकार के कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव रांची में लगातार प्रत्याशी चयन को लेकर प्रभारी आरपीएन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष के साथ बैठकर माथापच्ची कर रहे हैं। पितृपक्ष के बाद एक-एक कर चुनाव के लिये प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी।
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