हरियाणा चुनाव : पार्टी कार्यकर्ता को गांव में डीजे बजाना पड़ा मंहगा, पंचायत ने लगाया जुर्माना
पंचायत ने निर्णय लिया कि भविष्य में पंचायती फैसले की अवमानना करने पर 51 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। काबिलेगौर है कि गांव अलेवा पंचायत ने लगभग दो साल पहले सामूहिक फैसला लिया था कि गांव में कोई डीजे नहीं बजाएगा और साथ ही गांव में शराब के खुर्दे भी नहीं चलेंगे

गांव अलेवा में राजनीतिक पार्टी कार्यकर्ता द्वारा पार्टी विशेष द्वारा रैली में डीजे बजवाना मंहगा पड़ गया। ग्रामीणों ने डीजे बजाने पर रोष जताया, साथ ही पंचायत भी बुलाई गई। जिस कार्यकर्ता ने गांव में डीजे बजवाया था उसने पंचायत के फैसले के अनुसार 11 हजार रुपये की जुर्माना राशि गऊशाला में देनी पड़ी और उसकी रसीद पंचायत को दी गई।
जिसके बाद पंचायत ने निर्णय लिया कि भविष्य में पंचायती फैसले की अवमानना करने पर 51 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। काबिलेगौर है कि गांव अलेवा पंचायत ने लगभग दो साल पहले सामूहिक फैसला लिया था कि गांव में कोई डीजे नहीं बजाएगा और साथ ही गांव में शराब के खुर्दे भी नहीं चलेंगे। डीजे चाहे विवाह शादी हो या फिर ट्रैक्टर या किसी वाहन में स्पीकर लगाया गया हो।
पंचायती फैसले की अवमानना करने पर 11 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। गत दिवस राजनीतिक पार्टी द्वारा इलाके में रैली निकाली गई थी। जिसके चलते गांव अलेवा में डीजे बजाया गया था। जिस पर फिल्मी धुनों पर पार्टी से जुड़े गाने बज रहे थे। ग्रामीणों ने गांव में डीजे बजने पर फैसले की अवमानना बताया।
जिसको लेकर पंचायत ने बकायदा उस पार्टी के कार्यकर्ता को बुलाया और गांव में डीजे बजाया जाना पंचायती फैसले के खिलाफ बताया। जिसको लेकर शुक्रवार को पंचायत बुलाई गई। पंचायत के तेवरों को देखते हुए पार्टी कार्यकर्ता ने 11 हजार रुपये की राशि गऊशाला में दान दी और उसकी पर्ची पंचायत को थमा दी और भविष्य में पंचायत फैसले के खिलाफ न जाने का आश्वासन दिया।
पंचायत ने निर्णय लिया कि आगे जो फैसले पंचायत ने समाज हित में लिए थे अगर उनकी कोई अवमानना करता है तो जुर्माना राशि 11 हजार नहीं बल्कि 51 हजार होगी। गांव अलेवा के सरपंच रणधीर ने बताया कि गांव में डीजे तथा शराब पर प्रतिबंद्ध लगाया हुआ है और सामाजिक दंड का प्रावधान किया गया है।
राजनीतिक पार्टी से जुड़े व्यक्ति ने गांव में डीजे बजवाया, जो पंचायती फैसले के खिलाफ था। उस कार्यकर्ता ने 11 हजार रुपये की राशि गऊशाला में देकर पर्ची पंचायत को दे दी है और भविष्य में पंचायती फैसले के खिलाफ न जाने का आश्वासन दिया है। अब जुर्माना राशि को बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर दिया गया है।
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