हरियाणा पिछड़ा वर्ग कल्याण निगम ने बढ़ाई ऋण सीमा, 1 के बजाय देगा तीन लाख
पिछड़ा वर्ग, अल्प संख्यक व विकलांगों के उत्थान के लिए छोटे-छोटे काम धंधे करने के लिए एक लाख रुपए तक लोन दिया जाता था। निगम ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से लोन की सीमा एक लाख से तीन लाख करने की मांग की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने मान लिया है।

हरियाणा पिछड़ा वर्ग कल्याण निगम ने ऋण सीमा एक लाख से बढ़ाकर तीन लाख करने का निर्णय लिया है। निगम के चेयरमैन रामचंद्र जांगड़ा ने शनिवार को निगम के पानीपत जिला कार्यालय में निरीक्षण के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि निगम पिछड़ा वर्ग, अल्प संख्यक व विकलांगों के उत्थान के लिए छोटे-छोटे काम धंधे करने के लिए एक लाख रुपए तक लोन दिया जाता था। निगम ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से लोन की सीमा एक लाख से तीन लाख करने की मांग की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने मान लिया है।
लोन की राशि सीधे लोन लेने वाले के खाते में जाएगी। मनोहर लाल सरकार ने नेशनल कारपोरेशन को 60 करोड़ की स्टेट गारंटी दी है। जिसमें 30 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग, 20 प्रतिशत विकलांग व 10 प्रतिशत अल्पसंख्यक की भागेदारी तय की है। जिला प्रबंधक ने पानीपत जिला के लिए 1.20 करोड़ रुपए की राशि मांगी थी, जिसमें 91 लाख रुपए डीएम के खाते आ चुके हैं। प्रदेश भर में निगम की रिकवरी 78 प्रतिशत है।
उन्होंने बताया कि निगम के ऋण लेने को कोई जमीन व मकान गिरवी रखने की जरूरत नहीं, बल्कि साधारण लोगों की गारंटी देकर लोन लिया जा सकता है। जांगड़ा ने कहा कि मनोहर सरकार से पहले निगम राजनीतिक लोगों को सुविधाएं देने तक सीमित था। जबकि प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद निगम को सक्त्रिय किया गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राजनीतिक लाभ के लिए कर्जा माफी की घोषणा की थी। जिससे निगम की रिकवरी बंद हो गई थी।
जबकि नेशनल कारपोरेशन की बकाया राशि का भुगतान भी मनोहर लाल सरकार ने किया है और दोबारा से स्टेट गारंटी देकर निगम का काम शुरू किया है। उन्होंने बताया कि निगम में नियमित भर्ती करने के लिए नियम बनाकर 72 पदों को भरने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। हरियाणा 22 जिलों में फिलहाल कार्यालयों स्टाफ को कांट्रेक्ट व ड्यूरेशन पर लिया गया है। उन्होंने पानीपत कार्यालय में करीब एक घंटा तक लोन की फाइलों का निरीक्षण किया। जिला प्रबंधक को कागजी कार्रवाई पूरी करने व पूरी तरह से पारदर्शिता बरतने के निर्देश दिए।
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