Harayana Assembly Election : सूबे का राजनैतिक समीकरण ऐसा बदला कि क्षेत्रीय दलों को नहीं मिल रहे जिताऊ उम्मीदवार
हरियाणा विधान सभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में नामांकन पत्र (Nomination Letter) दाखिल करने की अंतिम तारीख 5 अक्टूबर है लेकिन कई क्षेत्रीय दल ( Regional Parties) अब भी ऐसे उम्मीदवारों ( Strong Candidates) की तलाश में है जो चुनावी मैदान में विरोधियों को कड़ी टक्कर दे सकें।

हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) की तारीखों का एलान होने के बाद से ही सभी पार्टियां अपने प्रत्याशियों ( Strong Candidates) की तलाश में जुटी हुई है। भाजपा अपने 78 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर चुकी है और बचे हुए 12 नामों पर विचार चल रहा है। वहीं कांग्रेस पार्टी के भी मंथन के बाद आज ही अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान करने की उम्मीद है।
हलांकि नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 4 अक्टूबर है लेकिन कई क्षेत्रीय दल अब भी ऐसे उम्मीदवारों की तलाश में है जो चुनावी मैदान में विरोधियों को कड़ी टक्कर दे सकें। चुनाव जीतना तो बाद की बात है वर्तमान परिस्थियों में इन राजनीतिक दलों को प्रदेश की सभी 90 सीटों पर दमदार उम्मीदवार उतारने के लिए भी कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
सभी सीटों पर प्रतिद्वंदियों को मुकाबला देने वाले प्रत्याशियों को उतारना इन दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के समीकरणों पर नजर डालें तो इस बार सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच दिखाई देता है।
भाजपा की जीत से बदले राजनीतिक समीकरण
हरियाणा राजनीति के इतिहास में 10 साल पहले तक प्रदेश की राजनीति में इनेलो व कांग्रेस की टक्कर रहती थी लेकिन 2014 में हरियाणा की राजनीति सदा के लिए तब बदल गई जब भाजपा ने 90 में से 47 सीटें जीतकर सूबे के राजनीतिक समीकरण बदल दिए। हरियाणा की राजनीति में अपनी धाक रखने वाला क्षेत्रीय दल इनेलो 2019 में टूटकर अब दो धड़ों में बंट चुका है। इंडियन नेशनल लोकदल की कमान ओमप्रकाश चौटाला की अनुपस्थिति में उनके छोटे बेटे अभय चौटाला के हाथों में है जबकि जननायक जनता पार्टी की कमान अजय सिंह चौटाला के जेल में होने पर उनके बेटे दुष्यंत चौटाला के हाथों में है।
इनेलो व जजपा के सामने भी प्रत्याशियों को ढूढना बड़ी चुनौती
जजपा ने अभी तक तीन बार में 42 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का एलान किया है। जबकि इनेलो ने अब तक कोई भी लिस्ट नहीं जारी की है। इससे पहले 17 पार्टी विधायक इनेलो छोड़ चुके हैं। इनेलो में आए इस सियासी भूचाल के बाद पार्टी की हालत काफी खराब नजर आ रही है। इसी वजह से इनेलो को इस चुनाव में ऐसे प्रत्याशी ढूंढने भारी पड़ रहे हैं, जो प्रतिद्वंदियों को कड़ा मुकाबला दे सकें।
हरियाणा में अगर क्षेत्रीय दलों की बात करें तो इनेलो और जजपा प्रमुख हैं लेकिन इसके अलावा कुछ अन्य दल ऐसे भी हैं जिनको अब तक सभी 90 सीटों में से ज्यादातर पर उम्मीदवार भी नहीं मिल पाए हैं। और जबकि अब नामांकन पत्र भरने में सिर्फ तीन दिन शेष बचे हैं इन पार्टियों की उम्मीदवारों की तलाश जारी है।
आम आदमी पार्टी और स्वराज इंडिया ने अब तक सिर्फ 22 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। इसके अलावा लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी ने 16 व बसपा ने 22 प्रत्याशियों के नामों का एलान किया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि नामांकन प्रकिया समाप्त होने से पहले ये दल अपने सभी 90 उम्मीदवारों को मैदान में उतार पाएंगे या नही।
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