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Haryana Assembly Elections : जेजेपी के नेता दिग्विजय चौटाला ने कहा दुष्यंत चौटाला उगता हुआ सूरज है, प्रदेश में नया सवेरा लेकर आएगा

हरियाणा विधान सभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) से पहले जननायक जनता पार्टी (JJP) के स्टार प्रचारक दिग्विजय चौटाला (Digvijay Chautala) से हरिभूमि समूह के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने खास बातचीत की है। पेश हैं प्रमुख अंश

जेजेपी के नेता दिग्विजय चौटाला ने कहा  दुष्यंत चौटाला उगता हुआ सूरज है, प्रदेश में नया सवेरा लेकर आएगा
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सार्थक संवाद के दौरान जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला

हरियाणा विधानसभा चुनाव में पहली बार मैदान में उतरी जननायक जनता पार्टी पूरे जोर शोर के साथ प्रचार में लगी है। हरियाणा में जजपा के संयोजक अजय सिंह चौटाला के बेटे दिग्विजय चौटाला से हरिभूमि समूह के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने विशेष बातचीत की है। जिसमें दिग्विजय चौटाला ने कहा कि वह पार्टी के स्टार कैंपेनर नहीं है। हरियाणा के युवा पार्टी के स्टार कैंपेनर हैं। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश..

प्र. आपको पार्टी में कैंडिडेट के रूप में देखा जा रहा था लेकिन आप चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। स्टार कैपेंनर की भूमिका में उतरे हैं ?

उ. मैं स्टार कैंपेनर नहीं हूं। चौधरी देवी लाल का अनुसरण करने वाले पार्टी के स्टार कैंपेनर हैं। हरियाणा की आन बान शान हरियाणा के युवा हमारी पार्टी के स्टार कैंपेनर हैं। हरियाणा की महिलाएं हमारी स्टार कैंपेनर हैं। हरियाणा के बुजुर्ग हमारे स्टार कैंपेनर हैं। हां सूची में नाम डालना पड़ता है भरते समय उसमें जरूर मेरा नाम डाल दिया गया था।

प्र. तो जब आपका स्टार कैंपेनर में नाम डाला गया तो विधान सभा में तो 90 सीटें हैं। उसमें नाम डालना कैसे भूल गए ?

उ. अब ये पार्टी का फैसला है और मैं मानता हूं कि आज पार्टी को खड़ा करने की जरूरत है। हमारी पार्टी अभी 10 महीने पुरानी पार्टी है। जन-जन के पास जाना है, संदेश पार्टी का स्पष्ट होना चाहिए। आज अजय सिंह और दुष्यंत का संदेशवाहक बनने की जिम्मेदारी मुझे मिली है। मैं उसे निभा रहा हूं। मुझे यहां से चुनाव लड़ने का अवसर मिला यहां जींद से, तब मुझे जींद की जनता ने 38 हजार वोट दिए थे। इतना प्यार मुझे दिया यहां की जनता ने एक ऐसे उपचुनाव में जिसमें कांग्रेस से रणदीप सुरजेवाला खड़े थे। हरियाणा सरकार और भाजपा की केंद्रीय ताकत यहां लगी हुई थी। और फिर भी मुझे इतने वोट मिले, इतने वोट लोकदल को कभी नहीं मिले। आज दुष्यंत से लोगों को उम्मीद है। ये उगता हुआ सूरज है और इसके खिलाफ सारी ताकतें लामबंद हैं। फिर भी ये उगेगा और हरियाणा प्रदेश की जनता के लिए नया सबेरा लेकर आएगा। और इस प्रयास में मुझे जो भी भूमिका निभाने का मौका मिलेगा मैं निभाउंगा। आज मेरी भूमिका कैंडिडेट से भी अहम है।

प्र. आप जींद से सुरजेवाला के खिलाफ लड़े और उनसे ज्यादा वोट भी प्राप्त किए। फिर इसके बाद आप भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ लड़ने सोनीपत पहुंच गए वहां भी आप लड़े। ऐसा तो नहीं, कम उम्र की दो हारों ने दिग्विजय को मैदान में उतरने से रोक दिया।

. मैं तो दोनों हारों के बाद लोगों के बीच में गया। लेकिन ये लोग जितने के बाद भी जनता के बीच एक भी बार नहीं गए। और जो मेरे साथ हारकर आए वह भी दोबारा लोगों का हाल जानने नहीं गए। मैने लोगों से कहा ये मेरी शुरूआत है और आपका एक एक वोट मेरे लिए लाखों के बराबर है। 38 हजार वोट मुझे जींद में मिले और 55 हजार वोट मुझे हुड्डा के खिलाफ मिले।

देवी चौधरी लाल कहा करते थे कि अपने से कमजोर से लड़ाई मत लड़ो। अपने से मजबूत पहलवान से लड़ाई लड़ो। तभी तो जनता आपकी ताकत को आंकेगी। आज हरियाणा प्रदेश में दुष्यंत का जोर है। मौजूदा समय में जन-जन के मन में दुष्यंत बसा है। इस मिशन में अर्जुन की मछली की आंख की तरह आज एक ही लक्ष्य मेरा है कि हरियाणा में चौधरी देवी लाल की सोच की सरकार बनाई जाए। उसमें जो भी भूमिका मुझे निभानी पड़ेगी मैं पीछे नहीं हटूंगा।

प्र. आप कह रहे हैं कि चौधरी देवी लाल कहा करते थे कि अपने से वजनदार आदमी से मुकाबला हो तो ही मजा आता है। तो क्या ये मानें कि दिग्विजय चौटाला इस चुनाव में अपने से मुकाबला करने के योग्य कोई आदमी न देखकर मैदान में नहीं उतरे। सोचा कि जब मुकाबले में टक्कर का कोई आदमी ही नहीं तो फिर क्या लड़ा जाए।

उ. नहीं मैं फिर बता रहा हूं आज जो हालात हैं प्रदेश के उसमें पार्टी ये समझती है कि मैं पार्टी के लिए प्रचार करके प्रदेश में बेहतर कर सकता हूं। मैं उसी भूमिका के लिए तैयार हूं। पार्टी का एक भी कैंडिडेट जीतता है और विधान सभा में जाता है। पार्टी के लिए अगर मैं एक वोट भी बढ़ा पाता हूं तो वही मेरे लिए बड़ी बात है। मुझे जींद चुनाव में रात को पता चला कि चुनाव लड़ना है। सोनीपत का टिकट भी मुझे आखिरी समय मिला। पार्टी जो भी काम सौंपती है मैं करता हूं। पार्टी और उसका आदेश सबसे ऊपर है।

प्र. पार्टी जिसका आदेश आपके लिए सर्वोपरि है उसकी संभावनाएं आप क्या देखते हो ?

उ. आज प्रदेश में पार्टी की सीधी टक्कर बीजेपी से है। गांव के खेत खलिहान से मैदान तक आज यही चर्चा है। कि भाजपा की 55 सीटों पर सीधी टक्कर जजपा से है। जिसमें 30 से 35 सीटों पर जजपा जीत रही है। कुछ ऐसी भी सीटें हैं जहां हमारी टक्कर कांग्रेस से है। मैं कोई भविष्यवक्ता नहीं हूं लेकिन मैं यह देख रहा हूं कि दुष्यंत चौटाला सरकार बनाने में सफल होंगे।

प्र. आपने कहा दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व में सरकार बनने वाली है। हम जींद में बैठे हैं आपके यहां से प्रत्याशी मांगेराम का बयान है कि इसबार प्रदेश में जजपा के बिना सरकार नहीं बनेगी। तो क्या यह माना जाए कि जजपा अपनी दम पर सरकार नहीं बना पाएगी।

उ. नहीं उनके कहने का मतलब ये नहीं था। उनका कहने का मतलब ये था कि जेजेपी के बिना सरकार नहीं बनेगी। बल्कि जेजेपी की ही सरकार बनेगी अब उसमें थोड़ा बहुत सहयोग अन्य पार्टियों या निर्दलीय विधायकों का हो सकता है। कोई अल्पमत में हो उसका भी साथ लिया जा सकता है।

प्र. कांग्रेस पार्टी सवा सौ साल पुरानी पार्टी है। भाजपा दुनिया का सबसे बड़ा राजनैतिक दल है। लोकदल करीब 40 साल पुरानी पार्टी है। इन पार्टियों ने अपना-अपना काम किया है। जिसके आधार पर वह अपनी सरकार बनने का दावा कर रही हैं। जेजेपी ने अब तक ऐसा किया क्या है कि दिग्विजय चौटाला अपनी सरकार बनने की उम्मीद कर रहे हैं।

उ. इतिहास से हम सीख सकते हैं लेकिन उसकी बुनियाद पर हम सबकुछ नहीं कर सकते। ये बहुत मायने नहीं रखता। दुष्यंत चौटाला 5 साल तक चौधरी देवीलाल की नीतियों पर चले हैं। 5 साल तक पार्लियामेंट में उन्होंने काम किया एक सकारात्मक सोच के साथ। आज आप भी ये मानते हैं कि दुष्यंत चौटाला पर जाति-पाति की छवि नहीं है उनकी दबंगई की छवि नहीं है। वह एक विनम्र नेता हैं। वह जाति-पाति और मजहब से ऊपर उठकर काम की बात कर रहे हैं। लोग अब उन्हें स्वीकारेंगे। भाजपा ने सरकार जरूर बनाई। लेकिन हरियाणा में उनका जमीनी कॉडर इतना मजबूत नहीं है। कांग्रेस के पास कोई लीड करने वाला नेता नहीं है। ऐसे में जजपा अपनी सरकार इस बार बनाएगी।

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