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Haryana Assembly Election: कांटे की टक्कर वाली सीटों पर सर्वाधिक रहा मतदान प्रतिशत

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान में देखा गया कि जिन सीटों पर प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही थी। वहां सर्वाधिक मतदान हुआ है। जिन सीटों पर प्रत्याशियों की एक तरफा जीत संभावित थी। उन सीटों पर मतदान प्रतिशत कम रहा।

कांटे की टक्कर वाली सीटों पर सर्वाधिक रहा मतदान प्रतिशत
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हरियाणा विधानसभा चुनाव, कांटे की टक्कर वाली सीटों पर हुआ सर्वाधिक मतदान

Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव में करीब 68.47 प्रतिशत मतदान हुआ। जो कि 2014 विधानसभा चुनाव में हुए मतदान की तुलना में कम रहा। 2014 हरियाणा विधानसभा चुनाव में करीब 72.6 प्रतिशत मतदान हुआ था। लेकिन कुल मतदान प्रतिशत कम होने के बाद भी दिलचस्प बात यह है कि जहां काटे की टक्कर थी वहां कांटे की टक्कर रही। जहां मुकाबला एक तरफा था वहां कम मतदान हुआ।

टोहना विधानसभा सीट के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला की जननायक जनता पार्टी के देवेंन्द्र बबली से कांटे की टक्कर थी। इस सीट पर सर्वाधिक 80.56 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं दूसरी तरफ पानीपत सिटी विधानसभा सीट जहां से भाजपा प्रत्याशी प्रमोद विज की आसान जीत की उम्मीद जताई जा रही थी। वहां वोटिंग प्रतिशत कुल 45 रहा। जो कि 90 विधानसभा सीटों में सबसे कम है।

कैथल में कड़ा मुकाबला

इसी प्रकार से करनाल विधानसभा सीट जहां से संभावित एक तरफा जीत के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर चुनावी रण में उतरे। वहां केवल 49.30 प्रतिशत मतदान हुआ। लेकिन कैथल विधानसभा सीट जहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता रणदीप सुरजेवाला की भाजपा प्रत्याशी लीला राम गुर्जर से कड़ी टक्कर की उम्मीद जताई जा रही थी। वहां वोटिंग प्रतिशत 77.79 रहा।

भारी मतदान दर्ज किए जाने वाली सीटों में कलायत विधानसभा सीट भी शामिल है। जहां कांग्रेस वरिष्ठ नेता जय प्रकाश की भाजपा प्रत्याशी और जजपा प्रत्याशी के बीट त्रिकोणीय टक्कर थी। कलायत विधानसभा सीट पर 75.2 प्रतिशत मतदान हुआ।

जगाधरी सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष कृष्ण पाल गुर्जर का कांग्रेस प्रत्याशी अकरम खान और बसपा प्रत्याशी आदर्श पाल सिंह से जगाधरी विधानसभा सीट पर कड़ी टक्कर मानी जा रही थी। इस सीट पर भी वोटिंग करीब 73 हुई। साथ ही फतेहाबाद सीट जहां वोटिंग 76.7 प्रतिशत पहुंची। वहां भाजपा प्रत्याशी दुरा राम, जजपा प्रत्याशी विरेंद्र सिवाच और कांग्रेस प्रत्याशी प्रह्लाद सिंह गिल्लनखेरा के बीच कड़ा मुकाबला था।

इसी तरह नारनौंद विधानसभा सीट पर भी माना जा रहा था कि जननायक जनता पार्टी के राम कुमरा गौतम भाजपा के दिग्गज नेता और प्रदेश वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को टक्कर देंगे। इस सीट पर 77.75 प्रतिशत मतदाता वोट डालने पहुंचे। जननायक जनता पार्टी प्रमुख दुष्यंत चौटाला उचाना विधानसभा सीट से प्रत्याशी थे। जहां उन्हें टक्कर देने के लिेए भाजपा ने प्रेम लता को टिकट दिया था। इस सीट पर वोटिंग प्रतिशत करीब 67 रहा।

भूपेंद्र हुड्डा की सीट भी फंसी

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की गढ़ी-सांपला किलोई सीट पर 67.1 प्रतिशत, किरन चौधरी की तोषाम विधानसभा सीट पर 70 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। इस दोनों सीटों पर भी प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही थी। इसके विपरीत पंचकुला, अंबाला कैंट, हिसार विधानसभा सीटों पर भाजपा की एक तरफा जीत मानी जा रही थी। इस पर क्रमश: 58.7 प्रतिशत, 56.6 प्रतिशत, 53.8 प्रतिशत मतदान हुआ।

शहरी क्षेत्र में कम रही वोटिंग

साथ ही इस बार के विधानसभा चुनाव में स्पष्ट ग्रामीण-शहरी विभाजन दिखा गया। ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों से बड़ीं संख्या में मतदाताओं ने मतदान में भाग लिया। जिसकी तुलना में शहरी विधानसभा सीटों पर वोटिंग प्रतिशत कम देखा गया।

इस पैटर्न के देखते हुए राजनीति विशेषज्ञों का मानना है कि, जिन विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला था। वहां प्रत्याशियों के समर्थकों उनके पक्ष में वोट डलावाने के लिए हर संभव पार्टी समर्थक को मतदान के लिए लेकर आने का प्रयास किया होगा। वहीं जहां समर्थकों को अपने प्रत्याशी की एक तरफा जीत की पूरी उम्मीद थी। वहीं इस तरह की ज्यादा कोशिशें नहीं की गई होंगी। जिस वजह से वहां मतदान प्रतिशत कम रहा।

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