हरियाणा विधानसभा चुनाव : बागियों को मनाने में जुटे दीपेंद्र हु्ड्डा
राजेंद्र जून को टिकट मिलने के बाद कांग्रेस नेताओं ने बगावती तेवर दिखा दिए थे। पिछली बार बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले राजेश जून ने 28 हजार 242 वोट प्राप्त किए थे। इस बार राजेश जून टिकट को लेकर काफी आशांवित थे। टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भर दिया था।

पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में डैमेज कंट्रोल करने में जुट गए हैं। रविवार को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूर्व चेयरमैन रवि खत्री को दिल्ली तलब किया और अपना वास्ता देते हुए नामांकन वापिस लेने के लिए समझाया। इसके कुछ देर बाद दीपेंद्र हुड्डा बहादुरगढ़ में राजेश जून के कार्यालय पर पहुंचे।
बातचीत के बाद वहां एकत्र उनके समर्थकों को संबोधित किया। रवि खत्री व राजेश जून द्वारा सोमवार को नामांकन वापिस लेने की उम्मीद है। वहीं कांग्रेस नेत्री डा. नीना सतपाल राठी ने रविवार 13 अक्तूबर को अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है।
बता दें कि राजेंद्र जून को टिकट मिलने के बाद कांग्रेस नेताओं ने बगावती तेवर दिखा दिए थे। पिछली बार बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले राजेश जून ने 28 हजार 242 वोट प्राप्त किए थे। इस बार राजेश जून टिकट को लेकर काफी आशांवित थे। टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भर दिया था।
वहीं पूर्व चेयरमैन रवि खत्री ने भी नाराज होकर आजाद उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया था। इसके बाद से ही इन दोनों के चुनाव लड़ने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। जिसे भांपते हुए भूपेंद्र हुड्डा ने रविवार तड़के रवि खत्री को दिल्ली बुलाया। राजेंद्र जून से नाराज चल रहे रवि खत्री को हुड्डा ने काफी समझाने के साथ ही खुद का भी वास्ता दिया।
दिन चढ़ते ही दीपेंद्र हुड्डा भी बहादुरगढ़ पहुंचे। पहले राजेश जून के कार्यालय में पहुंचे। यहां काफी देर तक अकेले में राजेश जून से गुफ्तगु करने के बाद उन्होंने राजेश जून के समर्थकों को संबोधित करते हुए कांग्रेस को जिताने की अपील की। ऐसे में लगता है कि कांग्रेस के ये दोनों बागी उम्मीदवार सोमवार को अपने नामांकन वापिस ले सकते हैं।
नीना ने बुलाई बैठक
महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष डा. नीना सतपाल राठी ने भी रविवार 13 अक्तूबर को अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है। टिकट की दौड़ में अंतिम पायदान तक पहुंचकर भी विफल रहने के बाद उनके समर्थक, विशेषकर महिलाओं में निराशा व्याप्त है। अपने समर्थकों का रुख जानने तथा उनसे चर्चा के बाद कोई अहम निर्णय लेने के लिए यह बैठक बुलाई गई है।
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