हरियाणा सरकार की नई पहल, अब पीजीआई से बच्चा चोरी पर लगेगी लगाम
पीजीआई में पिछले 2 वर्ष के अन्दर नवजात शिशुओं की चोरी के मामले बढ़ने पर संस्थान ने बच्चे की सुरक्षा के लिए एक कारगर कदम उठाया है। हेल्थ यूनिवर्सिटी ने जच्चा बच्चा वार्ड में अब प्रसव के तुरंत बाद नवजात के हाथ में रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफाई डिवाइस यानी सेंसर युक्त बैंड को कलाई में बांधने का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।

पीजीआई में पिछले 2 वर्ष के अन्दर नवजात शिशुओं की चोरी के मामले बढ़ने पर संस्थान ने बच्चे की सुरक्षा के लिए एक कारगर कदम उठाया है। हेल्थ यूनिवर्सिटी ने जच्चा बच्चा वार्ड में अब प्रसव के तुरंत बाद नवजात के हाथ में रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफाई डिवाइस यानी सेंसर युक्त बैंड को कलाई में बांधने का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।
इस सेंसर युक्त बैंड की खासियत यह है कि जैसे ही कोई इसे पहले बच्चे को वार्ड से बाहर ले जाएगा तुरंत एलार्म बज जाएगा। आंध्र प्रदेश के अस्पतालों में सफल प्रयोग के बाद यहां भी इस प्रोजेक्ट के लिए बजट तय करके टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
गायनी विभाग की एचओडी स्मिति नंदा ने कहा कि इस कान्सेप्ट में एक जोड़ी बैंडनुमा सेंसर युक्त डिवाइस होगी। एक महिला और एक नवजात की कलाई में बांधा जाएगा। यह डिवाइस महिला और बच्चे की कलाई से तभी निकला जाएगा जब उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी।
31 करोड़ 44 लाख रुपए की लागत से तैयार एंड चाइल्ड केयर हॉस्पिटल में गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए 200 बेड के भवन का सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज उद्घाटन कर चुके हैं। पीजीआई में सुरक्षा के नजरिए पूरी बिल्डिंग में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। एक कमरे को कंट्रोल रूम में तब्दील किया गया है।
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