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सीआरएसयू में डीसी रेट पर लगवाने को लेकर ठगी, फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देने वाले आरोपी गिरफ्तार

अदालत ने आरोपित को दो दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया। रिमांड के दौरान पुलिस आरोपित से धोखाधड़ी में प्रयोग किए गए प्रिंटर, लैपटॉप तथा युवकों से ली गई राशि को रिकवर करेगी और अन्य तथ्यों को जुटाएगी।

सांकेतिक फोटो
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सांकेतिक फोटो

सीआरएसयू में डीसी रेट पर लगवाने का झांसा दे राशि ऐंठने और फर्जी ज्वायनिंग लैटर देने के आरोपित को सदर थाना पुलिस ने अदालत में पेश किया। जहां से अदालत ने आरोपित को दो दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया। रिमांड के दौरान पुलिस आरोपित से धोखाधड़ी में प्रयोग किए गए प्रिंटर, लैपटॉप तथा युवकों से ली गई राशि को रिकवर करेगी और अन्य तथ्यों को जुटाएगी।

गांव धमतान साहिब निवासी सुनील, बलिंद्र, सुनील, सोनू, गांव रोहडा निवासी अनिल, अजय, गांव फूलियां कलां निवासी दिनेश ने पांच जुलाई को पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उन्होंने सीआरएसयू में डीसी रेट पर लगने के लिए आवेदन किया हुआ था। जून माह में उनका संपर्क हिसार कैमरी रोड निवासी अर्जुन से हुआ। अर्जुन अक्सर गाड़ी लेकर विश्वविद्यालय में आता था और कैंटीन में उनसे मिलता था।

अर्जुन ने उनसे स्थायी नियुक्ति के लिए तीन लाख तथा डीसी रेट ज्वायनिंग के लिए 50-50 हजार रुपये मांगे थे। बलिंद्र ने डेढ़ लाख रुपये की राशि अर्जुन के खाते में ट्रांसफर कर दी, जबकि एक लाख रुपये विकास के खाते में जमा की गई थी। सीआरएसयू कैंटीन में सीआरएसयू के लैटर पेड पर उन्हें ज्वायनिंग लैटर दे दिया गया। जब वे ज्वायनिंग के लिए पहुंचे तो पता चला कि लैटर पैड पर बनाया गया 'वायनिंग लैटर फर्जी है।

जिस पर उन्होंने अर्जुन से फर्जी ज्वायनिंग लैटर होने की बात कही और राशि वापस लौटाने के लिए कहा तो अर्जुन ने राशि देने से मना कर दिया और बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी। जिसकी शिकायत सीआरएसयू के रजिस्ट्रार डा. राजबीर मोर तथा पुलिस से की गई। सदर थाना पुलिस ने सुनील व उसके साथियों की शिकायत पर अर्जुन के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़े का सहारा लेने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।

गत दिवस अर्जुन विश्वविद्यालय में आया हुआ था और सिक्योरटी गाडार्े ने उसे काबू कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि अर्जुन दसवीं कक्षा तक पढ़ा लिखा है। खुद भी ठगी का शिकार हो चुका है, जिसके बाद उसने लोगों के साथ धोखाधड़ी करनी शुरु कर दी। सीआरएसयू की वेबसाइट पर उसे आसान लैटर हैड हाथ लग गया। जिसके माध्यम से उसे डाउनलोड कर फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार किए और ज्वायनिंग का झांसा दे बेरोजगार युवकों से राशि को हड़प लिया।

पुलिस ने अर्जुन को शनिवार को अदालत में पेश किया। जहां से अदालत ने आरोपित को दो दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया। सदर थाना के जांच अधिकारी महेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपित को दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। रिमांड के दौरान आरोपित से प्रिंटर, लैपटॉप व युवकों से ऐंठी गई राशि को रिकवर किया जाएगा। साथ ही अन्य तथ्य भी जुटाए जाएंगे।

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