फोर्टिस के बाद एशियन हॉस्पिटल की अमानवीयता, प्रेग्नेंट महिला और बच्चे की मौत के बाद थमाया 18 लाख का बिल
गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल की तरह फरीदाबाद के एशियन हॉस्पिटल में इलाज के नाम पर वसूली का एक और मामला सामने आया है।

गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल की तरह दिल्ली से सटे फरीदाबाद के एशियन हॉस्पिटल में इलाज के नाम पर वसूली का एक और मामला सामने आया है। यहां 22 दिनों से बुखार से पीड़ित भर्ती प्रेग्नेंट महिला व उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई।
इसके बाद अस्पताल ने महिला के घरवालों को 22 दिन के इलाज का 18 लाख बिल पकड़ा दिया। आक्रोशित मृतका के परिजन हॉस्पिटल के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं।
Haryana: A pregnant woman, suffering from fever, died at Faridabad's Asian Hospital. Hospital administration handed over bill of Rs 18 Lakh to her family for a 22-days treatment. Relatives demand an investigation against hospital administration. (08.01.2018) pic.twitter.com/hKY1yLgUSj
— ANI (@ANI) January 11, 2018
क्या है मामला
फरीदाबाद के गांव नचौली रहने वाले सीताराम ने अपनी 20 वर्षीय बेटी श्वेता को बुखार आने पर 13 दिसंबर को एशियन अस्पताल में एडमिट कराया था। 3-4 दिन के इलाज के बाद डॉक्टरों ने कहा कि महिला के पेट में पल रहा बच्चा मर गया है, इसलिए ऑपरेशन करना पड़ेगा।
अस्पताल ने महिला के परिजनों से ऑपरेशन के लिए अस्पताल में 3 लाख रुपए जमा करने के लिए कहा। मृतका के परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने पैसा जमा होने के बाद ही ऑपरेशन करने की बात कही थी।
परिजनों ने लगाया आरोप
वहीं मृतका के चाचा ने अस्पताल पर आरोप लगाते हुए कहा कि श्वेता को बुखार था, लेकिन उसे ICU में भर्ती कर दिया गया। पहले तो डॉक्टरों ने टाइफाइड बताया और उसे आईसीयू में एडमिट कर दिया। फिर बाद में कहा कि महिला की आंतों में इंफेक्शन उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें ऑपरेशन के लिए 3 लाख रुपए जमा करने के लिए कहा।
मृतका के घरवालों को कहना है कि तब तक वे इलाज के नाम पर 10-12 लाख रुपए जमा करा चुके थे। इसके बाद भी डॉक्टर उनकी बेटी को नहीं बचा पाए और उन्हें 18 लाख रुपए का बिल थमाया है।
अस्पताल ने दी सफाई
मामले में परिजनों के आरोप के बाद अस्पताल प्रशासन ने पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा कि डॉक्टरों ने मरीज को बचाने की पूरी कोशिश की थी लेकिन इंफेक्शन फैलने की वजह से उसे नहीं बचाया जा सका।
साथ ही अस्पताल के प्रबंधक डॉ. रमेश चंद्रा ने कहा है कि मृतका 32 हफ्ते की गर्भवती थी और 8-10 दिन से बुखार से पीड़ित थी। गर्भ में बच्चे की मौत की वजह से आंत में इंफेक्शन हो गया था, इसलिए ऑपरेशन किया गया। लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
गौरतलब है कि इससे पहले गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में अवैध वसूली का शर्मनाक मामला सामने आया था। जहां डेंगू से पीड़ित आद्या को पिछले साल 31 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। लेकिन आद्या की मौत के बाद अस्पताल ने परिजनों को 18 लाख बिल थमा दिया था। जिसको लेकर बाद में अस्पताल पर कार्रवाई भी हुई थी।
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