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'हमारा पेट पालता है रावण, पुतला जलते हुए कभी नहीं देखा'

रोहतक के राजकुमार (Rajukumar) उर्फ राजू रावण (Ravana) वाला की। 63 वर्षीय राजकुमार पिछले चालीस सालों से रावण के पुतले बनाने का काम कर रहे हैं।

हमारा पेट पालता है रावण, पुतला जलते हुए कभी नहीं देखा
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Rajukumar Says Ravana keeps Our stomach, Never Seen The Effigy Burning

बुराई पर अच्छाई का प्रतीक दशहरे (Dussehra) का त्योहार, एक ओर जहां इस दिन लोग लंका के राजा रावण (Ravana) को जलते देख खुशी मनाते हैं तो वहीं दूसरी ओर शहर में एक शक्स ऐसा भी है, जिसने आज तक रावण को जलते हुए नहीं देखा। जब रावण दहन (Ravana Dahan) के बाद पटाखे चलने से शहर में खुशियां मनाने की आवाजें आती हैं तो इसी से वह अंदाजा लगाता है कि रावण जल गया और यह महसूस कर उसका मन भाव विभोर हो उठता है।

यहां हम बात कर रहे हैं रोहतक के राजकुमार उर्फ राजू रावण वाला की। 63 वर्षीय राजकुमार पिछले चालीस सालों से रावण के पुतले बनाने का काम कर रहे हैं। वह बताते हैं कि वो रावण की पूजा करते हैं, क्योंकि उसी के पुतले बनाकर अपने परिवार का गुजर बसर करते हैं। इससे पहले उनके पिता भी रावण के पुतले बनाया करते थे। आज उनके बेटे, बहू, पत्नी भी उनका इस काम में हाथ बंटाते हैं।

तीन महीने पहले शुरू करते हैं पुतले बनाना

दशहरे का त्योहार आने को है। इस दिन शहर में विभिन्न स्थानों पर रावण, मेघनाथ व कुम्भकरण के पुतलों का दहन होता है। बाबरा मोहल्ला के रहने वाले राजकुमार उर्फ राजू रावण वाला रावण, मेघनाथ व कुम्भकरण के पुतले बनाते हैं। दशहरे से तीन महीने पहले राजू पुतले बनाना शुरू कर देते हैं।

उन्होंने बताया कि इस काम में उनकी पत्नी, बेटे, बहू और पोते भी हाथ बंटाते हैं। उनके लिए तो रावण पूजनीय है और वे उसकी पूजा करते हैं। जब रावण जलता है तो उन्हें अपनी कला के दहन होने का दुख तो होता है, लेकिन बुराई पर अच्छाई की जीत पर उन्हें खुशी भी होती है।

सबसे ऊंचा 70 फुट का रावण बनाया

राजकुमार ने कहा कि इस बार उनके पास 30 रावण बनाने का आर्डर आया है। जिनमें सनातन धर्म पंजाबी रामलीला, सेक्टर 1, 2 व तीन, कुकारों वाली रामलीला गांधी कैंप, पटेल नगर, लेबर चौक सहित झज्जर, गुडियानी, महेंद्रगढ़ शामिल है।

राजू बताते हैं कि वैसे तो सामान्यत: रावण पांच से चालीस फुट के बनाए जाते हैं ,लेकिन अब तक उन्होंने सबसे लंबा रावण 70 फुट का राजस्थान के भीलवाड़ा की मयूरविंग में बनाया था। वहीं उनके पास हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान से रावण बनाने के आर्डर आते हैं।

अभी बोलेगा रावण

राजकुमार ने बताया कि आधुनिकता के दौर में रावण का स्वरूप भी बिल्कुल असली हो गया है। पहले जहां सिंपल रावण बनाए जाते थे तो वहीं अब रावण की आंख व मुंह में चक्री लगाई जाती है। जो बैटरी से चलती है। जिससे उसकी आंखें व मुंह चलने लगते हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि रावण बोल और देख रहा है। वहीं आकर्षक रंगों और कलाकारी ने रावण के स्वरूप को निखार दिया है।

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