क्राइम ब्रांच ने डबल मर्डर के दो आरोपी किए गिरफ्तार, एक की तलाश
14 अक्टूबर को रात करीब आठ बजे अमित हुड्डा अपने नौकर निखिल गुलाटी के साथ नवीन से रुपये लेने के लिए गया था। इसके बाद वह वापस नहीं लौटा। रात के समय परिजनों ने अमित हुड्डा के पास कई बार फोन किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ।

क्राइम ब्रांच ने फाइनेंसर अमित हुड्डा और उसके नौकर निखिल गुलाटी के कत्ल की गुत्थी सुलझा ली है। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को बिहार से गिरफ्तार किया है। एक की अभी तलाश जारी है। पुलिस के मुताबिक इस दोहरे हत्याकांड को पैसे के लेनदेन के विवाद में अंजाम दिया गया था। गिरफ्तार किये गये दोनों आरोपियों के नाम नवीन और रजनीश है। तीसरे आरोपी का नाम विकास है।
बता दें कि 14 अक्टूबर को रात करीब आठ बजे अमित हुड्डा अपने नौकर निखिल गुलाटी के साथ नवीन से रुपये लेने के लिए गया था। इसके बाद वह वापस नहीं लौटा। रात के समय परिजनों ने अमित हुड्डा के पास कई बार फोन किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद अमित हुड्डा की तलाश करते हुए परिजन नवीन के घर पहुंच गए, तो वहां से नवीन भी गायब मिला। जिसके बाद दिल्ली के शाहबाद डेयरी थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया गया था।
इसके बाद बवाना नहर से 17 अक्टूबर को दोनों की लाश बरामद हुई थी। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि अमित हुड्डा की नवीन नाम के एक शख्स से पैसों के लेनदेन का विवाद था। दोनों की कई बार लड़ाई भी हो चुकी थी। क्राइम ब्रांच के डीसीपी डॉ. जॉय टर्की ने बताया कि नारकोटिक्स सेल के इंस्पेक्टर राममनोहर की टीम ने बवाना निवासी नवीन और रजनीश को बिहार के पटना स्थित मीठापुर बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों नेपाल भागने की फिराक में थे।
नवीन ने पुलिस को बताया कि अमित हुड्डा से करीब एक साल पहले 3 लाख रुपये उधार लिए थे। इससे उसने शाहबाद डेरी इलाके में डिस्पोजल कप-प्लेट की फैक्ट्री लगाई थी। लेकिन घाटा होने की वजह से वह उधार नहीं चुका सका। वहीं, अमित पैसे वापसी के लिए उस पर लगातार दबाव बना रहा था। इसके बाद उसने अमित हुड्डा को मारने का फैसला कर लिया। इस साजिश में उसने रजनीश और एक अन्य साथी विकास को शामिल किया।
पहले वारदात वाले दिन नवीन ने रोहिणी सेक्टर 24 स्थित फ्लैट में शराब की दावत रखी, जहां अमित हुड्डा अपने कर्मचारी निखिल के साथ पहुंचा। इसके बाद तीनों आरोपियों ने धोखे से अमित हड्डा और निखिल गुलाटी की शराब में नींद की गोलियां मिला दी। जब दोनों बेहोश हो गए, तब दोनों को कार में बैठाकर बवाना नहर के पास ले गए। सुनसान जगह पर गोली मारकर दोनों की हत्या कर दी और फिर दोनों की लाशों को नहर में फेंक दिया था। रजनीश पर पहले से ही हत्या, हत्या का प्रयास और अवैध हथियार समेत 9 मुकदमे दर्ज हैं। वह 2014 में तिहाड़ जेल से बाहर आया था।
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