आईआईएम रोहतक के बीओजी अध्यक्ष बन सकते हैं मुख्य सचिव डी़ एस ढेसी
प्रबंधन के क्षेत्र के शीर्ष संस्थान माने-जाने वाले भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रोहतक के बोर्ड ऑफ गवनर्स (बीओजी) के नए अध्यक्ष के तौर पर सूबे के मुख्य सचिव डी़ एस़ ढेसी की नियुक्ति की जा सकती है। संस्थान की ओर से इससे जुड़ी हुई तमाम जरूरी औपचारिकताएं लगभग पूरी कर ली गई हैं।

प्रबंधन के क्षेत्र के शीर्ष संस्थान माने-जाने वाले भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रोहतक के बोर्ड ऑफ गवनर्स (बीओजी) के नए अध्यक्ष के तौर पर सूबे के मुख्य सचिव डी़ एस़ ढेसी की नियुक्ति की जा सकती है। संस्थान की ओर से इससे जुड़ी हुई तमाम जरूरी औपचारिकताएं लगभग पूरी कर ली गई हैं। बस केवल एक अंतिम घोषणा किया जाना बाकी है।
लेकिन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) इस पर पूर्ण संतुष्टि की मुद्रा में नजर नहीं आ रहा है और उसका कहना है कि आईआईएम रोहतक ने बीओजी के नए अध्यक्ष की नियुक्ति करते वक्त बेहद जल्दबाजी दिखाई है। जिसमें नियुक्ति प्रक्रिया का भी ठीक ढंग से पालन नहीं किया गया है व मात्र तीन दिन में नए अध्यक्ष को संस्थान की जिम्मेदारी सौंपे जाने की कवायद चल रही है।
जब इस मामले को लेकर हरिभूमि ने फोन कॉल के जरिए आईआईएम रोहतक के निदेशक धीरज शर्मा से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने बाद में बात करने का तर्क देते हुए कोई जवाब नहीं दिया। गौरतलब है कि सूबे के मुख्य सचिव इस वक्त हरियाणा के सोनीपत में स्थित ट्रिपलआईटी संस्थान के अध्यक्ष भी हैं।
एक साल से खाली है पद
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि आईआईएम को स्वायत्ता देने के लिए लाए गए हालिया नए कानून के तहत सभी संस्थानों में फिर से बीओजी का गठन किया जा रहा है, जिसके शीर्ष पर अध्यक्ष होगा। इसी कड़ी में रोहतक में भी नियुक्ति की जा रही है। लेकिन यहां चौंकाने वाली बात यह है कि जिस संस्थान में बीते करीब एक वर्ष से अध्यक्ष का पद खाली पड़ा हुआ था तो फिर अचानक ऐसी कौन सी जल्दबाजी आ गई कि कुछ दिन के अंदर ही रिक्त पद को भरा जा रहा है।
क्या इस जल्दबाजी की आड़ में नियुक्ति प्रक्रिया का सही ढंग से पालन नहीं किया गया या फिर मंत्रालय के साथ विषय को लेकर उचित प्रकार से संवाद नहीं किया गया? यह तमाम ऐसे प्रश्न हैं जो इस दौरान मंत्रालय के गलियारों में बड़ी तेजी से घूम रहे हैं।
जल्द रिटायर हो रहे हैं मुख्य सचिव
सूत्रों ने यह भी कहा कि हरियाणा के मुख्य सचिव डी़ एस़ ढेसी ही वर्तमान में आईआईएम रोहतक के अंतरिम अध्यक्ष हैं। सूबे के मुख्य सचिव के तौर पर जल्द ही उनका कार्यकाल समाप्त होने वाला है। लेकिन अध्यक्ष के तौर पर संस्थान की वह पहली पसंद बनकर उभरे हैं। इसलिए उनकी नियुक्ति को लेकर हो सकता है कि जल्दबाजी दिखाई जा रही हो। आईआईएम रोहतक में यह पद खाली होने के बाद बीते वर्ष दिसंबर के आसपास इसकी जिम्मेदारी डी़ एस़ धेसी को सौंपी गई थी।
मौजूदा चर्चाओं में एक तथ्य यह भी है कि आईआईएम रोहतक के नए बीओजी अध्यक्ष की निुयक्ति को लेकर पीएमओ की तरफ से भी मंत्रालय को एक नाम सुझाया गया था। लेकिन संस्थान अपने निर्णय के अलावा अन्य किसी दिशा में देखने-सोचने का इच्छुक फिलहाल नजर नहीं आ रहा है। बीओजी अध्यक्ष का कार्यकाल करीब चार वर्ष का होता है या यह अपने पद पर अधिकतम 70 वर्ष तक की आयु तक बने रह सकते हैं।
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