हाउसवाइफ कभी यह न सोचें की हमारा दायरा घर के अंदर तक ही है : शालू जिंदल
हाल ही में जीटीवी के रियालिटी शो ‘दिल्ली डार्लिंग्स’ की विनर बनी हैं हाउसवाइफ शालू जिंदल। इस शो का हिस्सा बनकर उनके अंदर क्या बदलाव आए? दूसरी हाउसवाइव्स को वह क्या मैसेज देना चाहेंगी, जिससे वे अपनी जिंदगी को खुशहाल बना सकें, उसे भरपूर जी सकें? आगे लाइफ को लेकर क्या प्लानिंग है, बता रही हैं शालू जिंदल।

रियालिटी शो 'दिल्ली डार्लिंग्स' दिल्ली की फेमस सोशलाइट्स की लाइफ पर बेस्ड था। इन्हीं में से एक कंटेस्टेंट थीं शालू जिंदल। शो में उनका अंदाज बड़ा ही दिलचस्प था। शालू घर में एक सिंपल हाउसवाइफ की तरह रहती हैं, हमेशा साड़ी पहने हुए मिलती हैं, बच्चों और पति का ध्यान रखना, घर की सारी जिम्मेदारी निभाना, उनकी प्रॉयोरिटी होती है। लेकिन जब वह घर से बाहर निकलती हैं तो बिल्कुल बदल जाती हैं, उनका गेटअप चेंज हो जाता है, डिजाइनर वेस्टर्न आउटफिट में वह नजर आती हैं। वह जिंदगी को भरपूर जीना जानती हैं। पूरे शो में भी शालू का यह अंदाज दर्शकों को खूब भाया और वह विनर बन गईं। बातचीत, शालू जिंदल से।
आप 'दिल्ली डार्लिंग्स' की विनर बनी हैं। कैसा फील कर रही हैं।
बहुत खुशी हो रही है। मैं अपनी इस खुशी को शब्दों के जरिए बयां नहीं कर पा रही हूं। लेकिन यह बड़ी ही अमेजिंग फीलिंग है। आज खुद पर प्राउड फीलिंग हो रही है। मैं पूरे शो के दौरान रियल ही बनी रही, कुछ अलग एफर्ट नहीं करने पड़े। यही बात दर्शकों को पसंद आई और उन्होंने मुझे विनर बना दिया। मेरा तो हमेशा से मानना है कि आप सच्चे हैं तो हर कोई इस बात की रेस्पेक्ट करता है। आज कितने ही लोग मॉडर्न हो गए हों लेकिन सिंपलिसिटी की वैल्यू बहुत है।
इस शो की जर्नी से आपके अंदर क्या बदलाव आए?
मेरा कॉन्फिडेंस बहुत बढ़ गया है। मैं एक होममेकर हूं, यही मेरी पहचान है। 'दिल्ली डार्लिंग्स' में भी अपनी हाउसवाइफ की इमेज के जरिए ही अलग जगह बनाई। मैंने साबित किया कि हाउसवाइफ का रोल घर में कितना इंपॉर्टेंट होता है। इस बात को खुद महिलाओं को भी समझना चाहिए।
शो का नाम 'दिल्ली डार्लिंग्स' है। डार्लिंग्स का मतलब होता है, जो हमें सबसे प्यारा हो। आपकी लाइफ में सबसे प्यारा कौन है? या आप खुद की कितनी प्यारी हैं यानी खुद को कितना प्यार करती हैं?
फैमिली मुझे सबसे प्यारी है। जिस घर को मैंने अपने हाथों से सजाया है, वह मुझे बहुत प्यारा है। मैं खुद बहुत खुश रहती हूं, क्योंकि मुझे अपने आप से भी प्यार है।
आप अपने लिए जीना आप जानती हैं, आप पहले से ऐसी थीं या वक्त के साथ खुद को इंपॉर्टेंस देना आपने सीखा?
मैं शुरू से ऐसी हूं, हमेशा खुश रहती हूं। हालांकि मैंने कभी घर से बाहर जाकर काम नहीं किया या करियर नहीं बनाया। लेकिन मैंने घर में रहकर ही खुद को एक्सप्लोर किया, नए-नए क्रिएटिव काम सीखे। मैंने बच्चों को भी आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट किया, मेरी बेटी एमबीए कर चुकी है, एक अच्छी कंपनी में जॉब करती है। मैंने उससे भी कहा है कि खुद को इंपॉर्टेंस जरूर दे, तभी खुश रह पाएगी।
बहुत सी हाउसवाइफ हैं, जिन्हें लगता है कि वह कुछ नहीं हैं, उनकी कोई पहचान नहीं है। इससे वे डिप्रेस रहने लगती हैं, उन्हें आप क्या मैसेज देना चाहेंगी?
पहले तो हाउसवाइफ कभी यह न सोचें कि हम कुछ नहीं कर सकती हैं या हमारा दायरा घर के अंदर तक ही है। हर इंसान में कोई न कोई खूबी होती है। हर हाउसवाइफ को अपनी खूबी को पहचानना चाहिए। अपनी खूबी को बढ़ाना चाहिए। छोटे लेवल पर ही घर से ही कोई काम करना चाहिए। ऐसा करके उन्हें खुशी मिलेगी और वे सेल्फ डिपेंडेंट भी बनेंगी।
शो के दौरान आपको कई बार मुश्किल सिचुएशन फेस करनी पड़ी, जिसे आपने हैंडल किया। रियल लाइफ में किसी प्रॉब्लम के आने पर आप उसे कैसे फेस करती हैं?
हां, कई बार मेरी लाइफ में प्रॉब्लम आईं। कभी हसबैंड का बिजनेस ठीक नहीं चला, कभी फैमिली में कोई प्रॉब्लम आई। लेकिन मैंने हमेशा धैर्य से काम किया। मेरा मानना है कि प्रॉब्लम ने तो आना ही है, हम उसे कितने पेशेंस के साथ हैंडल करते हैं, यह बात ज्यादा मायने रखती है। आज भी मैं इसी बात को फॉलो करती हूं। शो 'दिल्ली डार्लिंग्स' के दौरान भी मैंने कभी पेशेंस लूज नहीं किया और आगे बढ़ती रही।
आगे क्या प्लानिंग है? क्या आप टीवी, फिल्मों में एक्ट करेंगी या अपनी नॉर्मल लाइफ ही जिएंगी?
(हंसते हुए) मैं सीरियल में मां के रोल तो नहीं करना चाहती हूं और कोई मुझे लीड एक्ट्रेस के रोल देगा नहीं। हां, कभी कुछ अच्छा ऑफर आएगा तो जरूर सोचूंगी। अभी तो मैं अपनी लाइफ में बहुत खुश हूं, अपनी फैमिली के साथ खुश हूं।
टेलीटॉक : पूनम बर्त्वाल
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