यौन उत्पीड़न का नाममात्र का आंदोलन है: प्रियंका चोपड़ा
नारीवाद उस स्थिति को नियंत्रित करने का एक जरिया है लेकिन यह एक नकारात्मक शब्द बन गया है।

यौन उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर महिलाओं के और मुखर होने के साथ इस साल नारीवाद बहस के केंद्र में रहा, लेकिन प्रियंका चोपड़ा का मानना है कि अधिकतर लोगों को अभी तक पता ही नहीं है कि नारीवाद असल में है क्या।
यूनिसेफ की सद्भावना दूत 35 वर्षीय अदाकारा का मानना है कि लैंगिक समानता के क्षेत्र में बातें ज्यादा हुई है और काम कम हुआ है उन्होंने कहा कि ‘नारीवाद और सशक्तिकरण' शब्दों के व्यापक इस्तेमाल के कारण शब्द के मायने घटे हैं।
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प्रियंका ने एक साक्षात्कार में कहा,‘मुहिम चली है लेकिन यह नाममात्र का है। हमें और ज्यादा काम करने की जरूरत है। हमारे देश और दुनिया में लड़कियों से दूसरे दर्जे के नागरिक के तौर पर सलूक किया जाता है। उन्हें हर जगह हिंसा और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है।
नारीवाद उस स्थिति को नियंत्रित करने का एक जरिया है लेकिन यह एक नकारात्मक शब्द बन गया है।' टेलीविजन शो ‘क्वांटिको' के साथ अमेरिकी शोबिज जगत और ‘बेवाच' के साथ हॉलीवुड में दस्तक देने वाली अदाकारा ने कहा कि नारीवाद का मतलब उच्चता नहीं, समानता है।
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‘मेरा मानना है कि बहुत सारे लोग नारीवाद का वास्तविक मतलब नहीं समझते। नारीवाद और सशक्तिकरण, दो ऐसे शब्द हैं जिसका पूरा मतलब जाने बिना लोग धड़ल्ले से इनका इस्तेमाल करते हैं।
'प्रियंका ने कहा कि नारीवाद का मतलब उनके लिए महिलाओं को अवसर मिलने से है जो हमेशा पुरुषों को मिलता रहा है।
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