Interview : पारस छाबड़ा से जानिए रावण के बाद अब और क्या बनना चाहते हैं वो
इन दिनों सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के सीरियल ‘विघ्नहर्ता गणेश’ में पारस छाबड़ा रावण की भूमिका में नजर आ रहे हैं। इस भूमिका को निभाकर वह काफी खुश हैं। पारस का मानना है कि रावण की भूमिका का सकारात्मक पक्ष पेश करना काफी मुश्किल है। सीरियल ‘विघ्नहर्ता गणेश’ और रावण की भूमिका से जुड़ी बातें पारस छाबड़ा से।

पूनम बर्त्वाल : पारस छाबड़ा ने मॉडलिंग से अपना करियर शुरू किया था, फिर वह टीवी रियालिटी शो 'स्प्लिट्सविला' का हिस्सा बने, इस शो ने उन्हें खूब नेम-फेम दिया। पारस ने इसके बाद सीधा फिल्मों में कदम रखा लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इससे वह निराश नहीं हुए और टीवी सीरियल्स की तरफ रुख किया। आज टीवी पर उनकी एक पहचान है, पारस को डिफरेंट रोल ऑफर हो रहे हैं। इन दिनों वह टीवी सीरियल 'विघ्नहर्ता गणेश' में पौराणिक कथाओं के सबसे चर्चित पात्र रावण की भूमिका में दिख रहे हैं। आगे भी उनका इरादा अलग-अलग तरह के रोल करने का है। हाल ही में पारस छाबड़ा से टेलीफोन पर लंबी बातचीत हुई। पेश है बातचीत के चुनिंदा अंश-
भारतीय पौराणिक कथाओं में सबसे जटिल, कठिन किरदारों में रावण का किरदार शामिल है। जब आपको यह भूमिका मिली तो आपको कैसा लगा?
किसी भी कलाकार के लिए रावण की भूमिका निभाना बहुत बड़ी बात होती है। इस भूमिका में एक्टिंग की बहुत संभावना है। मैं भी बहुत खुश हुआ, जब मुझे रावण की भूमिका निभाने का मौका मिला। मुझे लगा कि खुद की एक्टिंग स्किल्स को साबित करने का इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा। फिर सीरियल 'विघ्नहर्ता गणेश' में रावण का अलग ही पहलू दर्शकों को देखने को मिलेगा। जहां तक रावण की भूमिका को निभाने की बात है तो मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा हूं, अपनी भूमिका के साथ न्याय करूं।
आपने कहा कि दर्शकों को रावण का अलग ही पहलू सीरियल में देखने को मिलेगा, इस बारे में बताएं?
हां, अब तक दर्शक रावण को एक खलनायक के रूप में ही देखते आए हैं, उसका नकारात्मक पक्ष ही सीरियल्स में दिखाया है। लेकन हमारे सीरियल 'विघ्नहर्ता गणेश' में रावण का सकारात्मक पक्ष, विद्वान पक्ष सामने आएगा। ऐसे में मेरे लिए ज्यादा चुनौती रही, क्योंकि रावण के नकारात्मक पक्ष को एक्टिंग से सामने लाना आसान है, क्योंकि अब तक हम सब इस पक्ष को देखते आए हैं। लेकिन रावण के सकारात्मक पक्ष को निभाना और दर्शकों को यकीन दिलाना कि यह भी एक पहलू है, बड़ा मुश्किल लगा, लेकिन मैंने पूरी कोशिश की है।
जहां तक कहानी की बात है तो सीरियल में रावण, बाल गणेश को भगवान शिव के अवतारों से जुड़ी कहानियां सुना रहा है। रावण सबसे बड़ा शिव भक्त था और मैं भी शिव जी का भक्त हूं। ऐसे में मेरे लिए इस सीरियल में काम करना बहुत ही अच्छा अनुभव है, क्योंकि रावण की चुनौतीपूर्ण भूमिका निभाने का मौका मिला और दूसरा शिव जी से जुड़ी कहानियां जानने को मिलीं।
आपने कहा कि रावण का सकारात्मक पक्ष सीरियल में नजर आएगा। लेकिन वह बहुत ही अहंकारी था, जिस कारण उसका पतन हुआ। क्या कभी अहंकार की वजह से आपको भी बुरा समय देखना पड़ा?
हां, रावण के पतन का कारण उसका अहंकार था। अहंकार तो जिस भी व्यक्ति में आएगा, उसको असफल होना ही है, उसे जीवन में पिछड़ना ही है। मेरे साथ भी ऐसा हुआ था। जब मैं रियालिटी शो 'स्प्लिट्सविला' का विनर बना तो मुझे खूब नेम-फेम मिला। इसके बाद मुझे लगा कि मैं ही बेस्ट हूं, इस दौरान मुझे जो सीरियलों के ऑफर आए, उन्हें मैंने एक्सेप्ट नहीं किया।
मैंने सोचा मुझे तो फिल्मों में ही हीरो बनना है। मैंने एक फिल्म की लेकिन वह फ्लॉप हो गई। इसके बाद मैंने टीवी ट्राई किया लेकिन काम नहीं मिला। लगभग पांच साल बाद टीवी पर काम करने का मौका मिला। लेकिन इस फेज की वजह से मुझे समझ आ गया कि यह सब मेरे अहंकार के कारण हुआ। इस बात से मुझे सीखने को मिला कि सफलता पर कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए, हमेशा जमीन से जुड़े रहना चाहिए।
सीरियल 'विघ्नहर्ता गणेश' के जरिए दर्शकों को पौराणिक कथाओं के विषय में जानने का मौका मिल रहा है। आपको लगता है कि इन कथाओं से हमारे जीवन में कोई बदलाव आता है?
हां, पौराणिक कहानियां हमें बहुत कुछ बताती हैं। इनके जरिए हमें पता चलता है कि जीवन को कैसे जीना चाहिए। अच्छाई पर यकीन करवाना ही इन कहानियों का असल मकसद है। ऐसा होने पर हम अच्छे, सच्चे इंसान बनते हैं, जिससे हमारे जीवन में बदलाव आता है। मेरा रुझान हमेशा से ही पौराणिक कथाओं की तरफ रहा है, मैंने इन सब बातों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहता हूं और अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहता हूं।
आगे आप किस तरह के रोल करना चाहते हैं?
मैं शिव भक्त हूं तो शिव जी की भूमिका पर्दे पर निभाना चाहता हूं। अगर ऐसा होता है तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। साथ ही टीवी के साथ फिल्मों में भी पुख्ता पहचान बनाना चाहता हूं।
गणेश जी के गुणों को खुद में लाना चाहूंगा
सीरियल 'विघ्नहर्ता गणेश', बाल गणेश के व्यक्तित्व को सामने ला रहा है। उनके व्यक्तित्व का कौन सा गुण पारस छाबड़ा खुद में चाहेंगे? पूछने पर वह कहते हैं, 'गणेश जी बहुत ही बुद्धिमान थे, वह युद्ध करने की बजाय अपनी बातों से सामने वाले को सही राह पर ला देते थे। मैं भी ऐसा ही गुण खुद में चाहता हूं, जिससे मेरा कभी किसी से झगड़ा न हो और सामने वाला मेरी बात भी आसानी से मान ले। मैं गणेश जी की तरह ही अपने माता-पिता के लिए समर्पित भी होना चाहता हूं, उनकी हमेशा सेवा करना चाहता हूं, उन्हें खूब प्यार देना चाहता हूं। मैं गणेश जी के इन गुणों को खुद में लाना चाहूंगा, जिससे एक अच्छा इंसान बन सकूं।
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