John Abraham Interview: जॉन अब्राहम इन्हें मानते हैं अपना गॉडफादर
जब जॉन अब्राहम मॉडलिंग से एक्टिंग वर्ल्ड में आए तो इंडस्ट्री में मौजूद लोगों को लगता था कि वह ज्यादा सफल नहीं होंगे। लेकिन जॉन ने अपनी जगह बॉलीवुड में बना ही ली। अब तो बतौर प्रोड्यूसर भी वह मीनिंगफुल फिल्में बना रहे हैं। आगे करियर को लेकर क्या प्लानिंग है, जॉन अब्राहम की?

कुछ समय पहले रिलीज हुई जॉन अब्राहम की फिल्म सत्यमेव जयते दर्शकों को खूब पसंद आई। बतौर प्रोड्यूसर भी कुछ महीनों पहले रिलीज हुई उनकी फिल्म ‘परमाणु- द स्टोरी और पोखरण’ को क्रिटिक्स और ऑडियंस ने सराहा था। इस तरह एक्टर और प्रोड्यूसर के तौर पर उनका करियर सही दिशा में जा रहा है। इस बात से जॉन भी खुश हैं। साथ ही अपने अब तक के बॉलीवुड सफर से वह संतुष्ट हैं। अपनी पर्सनल-प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी बातें साझा कर रहे हैं, जॉन अब्राहम।
कई लोग मानते थे कि मॉडल्स अच्छे एक्टर नहीं होते हैं। इस पर क्या कहना है?
मुझसे पहले जो मॉडल्स थे, जैसे डिनो मॉरियो, मिलिंद सोमन, दीपक मल्होत्रा और कुछ हद तक अर्जुन रामपाल भी, इनका करियर एक्टर के तौर पर ज्यादा नहीं चला। लेकिन मैंने कोशिश की कुछ हटकर किरदार करूं। मेरी पहली फिल्म ‘वॉटर’ थी। यह फिल्म तो देश में फ्लॉप हुई, लेकिन मुझे हैरानी तब हुई जब विदेश के एक फिल्म फेस्टिवल में मेरी मुलाकात स्टीवन स्पीलबर्ग से हुई। उन्होंने मुझे पर्सनली मिलकर कहा कि उन्हें फिल्म ‘वॉटर’ पसंद आई और मेरी परफॉर्मेंस भी उम्दा लगी। यह मेरे लिए बड़ी बात थी। इसके बाद जैसे-जैसे करियर में आगे बढ़ा, मैंने ‘काबुल एक्सप्रेस’, ‘नो स्मोकिंग’ और ‘न्यूयॉर्क’ जैसी फिल्में कीं। मेरी इन सभी फिल्मों को सराहा गया। इस तरह मैंने खुद को साबित किया।
क्या बॉलीवुड में आपको बतौर मेंटर किसी ने सपोर्ट किया?
मैं नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से हूं, इसीलिए बॉलीवुड में मेरा गॉडफादर कोई नहीं था। लेकिन मैं आदित्य चोपड़ा को बहुत मानता हूं, उन्होंने समय-समय पर मेरी कमियां मुझे बताईं। आदित्य ने मुझे कहा था कि फिल्म न्यूयॉर्क में तुम्हारी एक्टिंग अच्छी थी लेकिन तुम्हें कोई अवॉर्ड नहीं मिलेगा। दरअसल, उन्हें लगा कि मैंने बहुत ज्यादा एक्सप्रेशन फिल्म में दिए। इस तरह मैं वक्त के साथ समझता गया कि अब ज्यादा एक्सप्रेशंस दिखाना ओवर एक्टिंग है। आदित्य मेरे गाइड रहे हैं। उन्होंने ही मुझे कहा कि अगर तुम सिर्फ कमर्शियल सेटअप की फिल्में करोगे तो स्टार बनोगे, लेकिन फिर दूसरों में और तुममें क्या फर्क होगा? वर्सटाइल बनने के लिए अलग राह पकड़ना जरूरी है, इस बात को उन्होंने ही समझाया।
आप कभी कहते थे कि आप कैमरा फ्रेंडली नहीं हैं, क्या अब आप कैमरा फ्रेंडली हो चुके हैं?
मैंने कई फिल्में की लेकिन कैमरे के सामने कंफर्टेबल नहीं था। लेकिन अब मैं कैमरे के सामने जाने के लिए एक्साइटेड रहता हूं। मेरी शायनेस दूर हो चुकी है। धीरे-धीरे डांस भी करने लगा हूं। डांस, म्यूजिक अपने कल्चर का हिस्सा है।
आप जब से प्रोड्यूसर बने हैं, क्या आपको नहीं लगता कि एक्टिंग बैक सीट पर चली गई है?
ऐसा तो नहीं है। जब मैं प्रोड्यूसर नहीं बना था तब भी मेरी बहुत ज्यादा फिल्में रिलीज नहीं हुई थीं। लाइफ में आगे बढ़ने की कोशिश में मैंने प्रोड्यूसर का चोला पहना। लोग कहते हैं कि मैं एक सफल प्रोड्यूसर बन गया हूं, जिसने ऑफबीट फिल्में बनाई हैं। यह सुनकर अच्छा लगता है।
प्रोड्यूसर के तौर पर क्या ज्यादा जिम्मेदारी महसूस करते हैं?
ऑफकोर्स, मेरी कोशिश यही रही है कि दर्शकों को मनोरंजन के जरिए कुछ ऐसा पेश किया जाए, जो वे देखना और जानना चाहते हैं। कोई फिल्म डॉक्यूमेंट्री नहीं लगनी चाहिए, उसमें कंटेंट और अच्छा सब्जेक्ट होना जरूरी है। यही वजह है कि एक्टर से ज्यादा मैं प्रोड्यूसर के रूप में खुद को ज्यादा जिम्मेदार पाता हूं।
पैरेंट्स के संस्कारों ने मुझे बुरी आदत से दूर रखा
जब से जॉन अब्राहम इंडस्ट्री में आए हैं, तब से ही उनकी फिटनेस, बॉडी चर्चा में रही है। इसका क्या राज है? पूछने पर वह कहते हैं, ‘मैं मुंबई में पला-बढ़ा हूं। खुद को मुंबईकर मानता हूं। मैंने अपने कॉलेज में स्टूडेंट्स को सिगरेट, शराब पीते देखा था। लेकिन मेरे अपने उसूल और माता-पिता के संस्कारों ने मुझे हमेशा शराब, सिगरेट और किसी भी बुरी आदत से दूर रखा। मेरी डाइट वेजीटेरियन है। खाना खाने का मेरा सही वक्त होता है। रेग्युलर वर्क आउट, योग करता हूं। यही वजह है कि मेरी फिटनेस बरकरार है।’
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