Covid-19 : जल्द दस्तक दे सकती है कोरोना की चौथी लहर, इन बातों का जरुर रखें ध्यान
देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की तीसरी लहर कमजोर पड़ चुकी है। हर दिन संक्रमितों के आंकड़ों में कमी दर्ज हो रही है लेकिन इस बीच एक डराने वाली खबर भी सामने आ रही है। एक्सपर्ट्स की माने तो यह बात सामने आ रही है कि जून में इस महामारी की चौथी लहर आ सकती है। इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन हम सभी को अभी से सावधानी बरतनी चाहिए। पब्लिक प्लेस में कोविड गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करना चाहिए।

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की तीसरी लहर कमजोर पड़ चुकी है। हर दिन संक्रमितों के आंकड़ों में कमी दर्ज हो रही है लेकिन इस बीच एक डराने वाली खबर भी सामने आ रही है। एक्सपर्ट्स की माने तो यह बात सामने आ रही है कि जून में इस महामारी की चौथी लहर आ सकती है। इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन हम सभी को अभी से सावधानी बरतनी चाहिए। पब्लिक प्लेस में कोविड गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करना चाहिए। तो आइये इस बारे में हम आपको दे रहे हैं, एक्सपर्ट डॉक्टर्स के कुछ सजेशन्स जो आपको कोरोना की लहर से मात देने में मदद करेगी।
बीते दो महीने से कोरोना की तीसरी लहर कम होने से हमें काफी राहत मिल रही थी। लेकिन इसी बीच चौथी लहर की आशंका ने फिर चिंता में डाल दिया है। यह आशंका आईआईटी कानपुर के मैथमेटिक्स एंड स्टेटिसटिक्स डिपार्टमेंट के शोधकर्ताओं द्वारा व्यक्त की गई है। इस स्टडी में आशंका जताई गई है कि देश में चौथी लहर मध्य जून के आस-पास शुरू हो सकती है, जो मध्य अक्टूबर तक यानी 4 महीने चलने का अंदेशा जताया जा रहा है। यह भविष्यवाणी इसलिए भी चिंतित करती है क्योंकि इससे पहले आईआईटी कानपुर द्वारा किए गए कोरोना से संबंधित पूर्वानुमान सही निकले हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक कोविड-19 (Covid 19) की चौथी लहर कम से कम चार महीने तक चलेगी और इसका आंकड़ा अगस्त माह में पीक पर पहुंच सकता है। इसके बाद इसमें कमी आनी शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। इन दिनों ब्रिटेन और चीन में बढ़ रहे कोरोना केसेस को देखते हुए, ये आशंकाएं चिंतित कर रही हैं।
हो सकता है नया सबवेरिएंट
कोरोना की चौथी लहर आने और इससे बचाव के बारे में धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली में पल्मोनरी कंसल्टेंट-डॉ. नवनीत सूद कहते हैं, इस लहर का सामना करने में बूस्टर डोज के साथ ही वैक्सीनेशन की स्थिति काफी महत्वपूर्ण रहेगी। ओमीक्रॉन स्ट्रेन का एक 'स्टेल्थ' सब-वेरिएंट सामने आया है। माना जा रहा है कि चीन में केसेस बढ़ने के पीछे यही सबवेरिएंट हो सकता है। बीए.2 कहे जा रहे इस सबवेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में कई प्रमुख म्यूटेशंस नहीं हैं, जिसके चलते यह रैपिड पीसीआर टेस्ट्स की पकड़ में नहीं आता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार अभी बीए.2 के बारे में कोई राय बनाना जल्दबाजी होगी। यह अपने पैरेंट स्ट्रेन से ज्यादा गंभीर लक्षण प्रदर्शित नहीं करता है। चिंता यह भी है बीए.1 और बीए.2 मिक्स होकर नए सब-वेरिएंट में तब्दील हो सकते हैं। फिलहाल इजरायल में ऐसे दो मामले सामने आ भी चुके हैं। हालांकि, चौथी लहर की गंभीरता के बारे में अभी कोई पुख्ता अनुमान नहीं लगाया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के सामने आने के बाद ही इसकी गंभीरता का पता चल पाएगा।
ना बरतें लापरवाही
कोरोना के सभी म्यूटेंट्स से इम्यूनिटी हासिल करने का एकमात्र तरीका वैक्सीनेशन ही है। इसके अलावा संक्रमण से बचाव के लिए सबको कोविड गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए। जैसे- सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें, घर से बाहर मास्क पहनना चाहिए और समय-समय पर हाथों को धोते रहना चाहिए। वर्तमान में लोग कोरोना के प्रति लापरवाह हो गए हैं। बहुत कम ही लोग मास्क और हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि कोरोना संक्रमण के प्रति हर एक को सतर्क रहना चाहिए। हेल्दी लाइफस्टाइल और कोविड के नियमों का पालन करके ही इससे बचा जा सकता है।
डेल्टाक्रॉन से रहें सतर्क
कोरोना की चौथी लहर और इसके हाइब्रिड वेरिएंट डेल्टाक्रॉन के बारे में नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, गुरुग्राम में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. तुषार तायल कहते हैं, आने वाले समय में अपने देश में कोरोना के जिस चौथी लहर की आशंका जताई जा रही है, उसकी गंभीरता वायरस के नए वेरिएंट की प्रकृति और कोविड वैक्सीनेशन की स्थिति पर निर्भर करेंगी। फिलहाल कोविड-19 इंफेक्शन के मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। देश में कोविड के एक नए मिक्स वेरिएंट ने भी दस्तक दी है। इसे वैज्ञानिकों ने डेल्टाक्रॉन का नाम दिया है। डेल्टाक्रॉन के कई राज्यों में केस सामने आए हैं। कई राज्यों में सैंपल टेस्ट किए जा रहे है। फरवरी में पहली बार डेल्टाक्रॉन का केस सामने आया था। उस समय तो वैज्ञानिकों ने इसे लैब में हुई एक तकनीकी गलती समझा था, लेकिन अब इसके ब्रिटेन में केस सामने आ रहे हैं। डेल्टाक्रॉन कोरोना वायरस का एक हाइब्रिड वेरिएंट है, जो डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट से मिलकर बना है।
जरूर कराएं वैक्सीनेशन
डेल्टाक्रॉन से संक्रमित होने पर पेशेंट के लक्षण पिछले वेरियंट की तरह होने की संभावना है। संक्रमित मरीजों में सिरदर्द और तेज बुखार के लक्षण देखे जा सकते हैं। मरीजों को पसीना आना, गले में खराश, थकावट, बेचैनी हो सकती है। सूंघने और स्वाद की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। ऐसी स्थिति में मरीजों को तत्काल चिकित्सीय परामर्श लेनी चाहिए। इससे बचने के लिए लोगों को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज और बूस्टर डोज लगवा लेनी चाहिए। कोरोना से बचाव के लिए सरकार की ओर से जारी सभी गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए।
सभी निभाएं अपनी जिम्मेदारी
पिछले कई दिनों से देश में कोरोना संक्रमण के नए केसेस की संख्या दो हजार से कम आ रही है। लेकिन इसमें इजाफा ना हो, ये हम सभी की जिम्मेदारी है। इसलिए जरूरी है कि हम सब लापरवाही ना करें और कोविड गाइडलाइंस का पालन करते रहें। जिस तरह लोग मास्क पहनने में अब लापरवाही दिखा रहे हैं, वो आने वाले महीनों में संक्रमण को बढ़ा सकता है। यह सुखद है कि अब तक देश में 183 करोड़ से ज्यादा कोविड वैक्सीन की डोजेज लग चुकी हैं। लेकिन वैक्सीनेशन को लेकर उदासीनता नहीं दिखानी चाहिए। सरकार के निर्देश के अनुसार अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरूर लगवाएं। इसी से हम कोविड महामारी का मुकाबला कर सकते हैं।