इंटरनेट पर छाया नीलम गिरी का जादू, पल्लू को हटा कर बढ़ायी लोगों की धड़कन
भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के अंकुश राजा और नीलम गिरि का नया वीडियो सॉन्ग 'कमर लपकउआ' हाल ही में रिलीज हुआ है। रिलीज होने के साथ ही ये गाना तेजी से वायरल हो रहा है। इस गाने को यूट्यूब पर अबतक 7 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है।

इंटरनेट पर छाया नीलम गिरी का जादू, पल्लू को हटा कर बढ़ायी लोगों की धड़कन
आजकल भोजपुरी गानो का ट्रेंड सा छाया हुआ है। भोजपुरी गाने रिलीज होते ही वायरल हो जातें हैं। हाल हीं में सुपरस्टार अंकुश राजा और नीलम गिरी (Neelam Giri) के एक वीडियो सॉन्ग ने रिलीज होते ही इंटरनेट पर कहर ढाया हुआ है। इस बवाल वीडियो सॉन्ग के बोल हैं 'कमर लपकउआ' (Kamar Lapkauaa)। इसे शिल्पी राज (Shilpi Raj) ने अंकुश राजा (Ankush Raja) के साथ मिलकर गाया है। इस गाने के लिरिक्स बोस रामपुरी ने लिखे हैं वहीं इसके म्यूजिक कम्पोजर छोटु रावत है। इस गाने को कोरियोग्राफ भोजपुरी के मशहूर रितिक आरा ने किया है।
इस वीडियो को देखकर लग रहा है कि इसमें किसी फंक्शन को दिखाया गया है। जहां नीलम गिरी डांस परफॉर्म कर रही हैं। माहोल कुछ कुछ शादी के फंक्शन जैसा है जहां लड़के और लड़की के बीच वाद विवाद के साथ साथ मजेदार डांस भी हो रहा है। 4 मिनट और 55 सेकेंड की ये वीडियो आपका भरपूर मनोरंजन करेगी। गानें में आप शादियों मेें चलने वाला लड़के और लड़की के बीच हंसी मजाक देख सकते है। वहीं गाने में लिरिक्स के जरिए एक्ट्रेस की सर से पांव तक तारीफ कर डाली गयी है। इस गाने में नीलम गिरी जितनी खूबसूरत लग रही हैं, उतने ही हैंडसम अंकुश राजा भी लग रहे हैं। यह गाना मंगलवार सुबह ही रिलीज हुआ है और इसे अब तक 7 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। अंकुश और नीलम गिरी का ये गाना दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है और इंटरनेट पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। यहां देखें वीडियो....
आपको बता दें कि अंकुश राजा दो भाई हैं जो भोजपुरी सिनेमा के मशहूर सिंगर हैं। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत देवी गीत 'नमन बा नवदुर्गा' नामक एक एल्बम से की थी। वहीं नीलम ने अपने करियर की शुरुआत एक मॉडल के रूप में की और बाद में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। एक्ट्रेस को आखिरी बार रितेश पांडे और काजल राघवानी के साथ 'काव्ना चक्कर में फासनी' गाने में देखा गया था। इसे रितेश, अंतरा सिंह प्रियंका और शिल्पी राज ने गाया है। इसे जे डी बहादुर ने लिखा है और छोटू रावत द्वारा संगीतबद्ध किया गया है।